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ये बातें दिल्ली से बिहार के दरभंगा लौटे विवेक (बदला हुआ नाम) कहते हैं.
कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरा देश लॉकडाउन में है. लाखों मजदूर और कामगार शहर छोड़ अपने गांव की तरफ लौट रहे हैं. इसे देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाहर से आ रहे प्रवासियों के लिए हर जिले में सरकारी स्कूल और पंचायत भवन में आइसोलेशन सेंटर बनाने का आदेश दिया है.
विवेक और उनके साथी दरभंगा के हायाघाट में बने एक आइसोलेशन सेंटर में रुके हुए हैं. लॉकडाउन के आदेश के बाद विवेक अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली से अपने गांव के लिए निकले थे.
विवेक बताते हैं,
बिहार के मिथिला इलाके में एक और जिला है सुपौल, जहां के एक आइसोलेशन सेंटर का हाल भी सरकारी दावों पर कई सवाल उठा रहा है.
इस सेंटर में रुके हुए देवलाल पाल बताते हैं कि वो भी दिल्ली से आए हैं. वो कहते हैं,
बता दें कि लॉकडाउन के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इसके तहत बिहार के बाहर फंसे और बिहार आए प्रवासियों के लिए राहत का सामान मुहैया कराया जाएगा. इस आइसोलेशन सेंटर का मकसद है कि बाहर से आ रहे लोगों को उनके घरों में जाने से पहले रोककर, उनकी जांच हो और उन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरन्टीन में रखा जाए, ताकि किसी भी तरह से कोरोना वायरस लोगों में फैल न सके. लेकिन सरकारी दावे जमीन पर खोखले नजर आ रहे हैं.
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