Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आधे से ज्यादा भारतीय घूस देकर काम कराने को मजबूर: सर्वे

आधे से ज्यादा भारतीय घूस देकर काम कराने को मजबूर: सर्वे

भ्रष्टाचार को लेकर सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन आधी से ज्यादा आबादी रिश्वत देकर अपना काम कराने को मजबूर

क्विंट हिंदी
न्यूज वीडियो
Updated:
आधे से ज्यादा भारतीय घूस देकर काम कराने को मजबूर: सर्वे
i
आधे से ज्यादा भारतीय घूस देकर काम कराने को मजबूर: सर्वे
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

कैमरा पर्सन: मुकुल भंडारी

भ्रष्टाचार को लेकर सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन देश की आधी से ज्यादा आबादी आज भी रिश्वत देकर अपना काम कराने को मजबूर है. ये खुलासा ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और लोकल सर्कल के सर्वे में हुआ है. खास बात है कि ये सर्वे को कोई छोटा-मोटा सर्वे नहीं है. इसमें करीब दो लाख लोगों ने हिस्सा लिया है. सर्वे ये भी खुलासा करता है कि सबसे ज्यादा रिश्वत किन सरकारी विभागों में देनी पड़ती है? हालांकि,रिश्वतखोरी के रोग पर डिजिटल इंडिया का कोई असर नहीं पड़ा है. रिश्वतखोर अब भी नगद नारायण की पूजा करते हैं.

51% भारतीयों ने दी रिश्वत

सर्वे के मुताबिक, पिछले 12 महीनों में 51% भारतीयों को अपने किसी न किसी काम के लिए रिश्वत देनी पड़ी. 38% लोगों ने कहा कि सरकार दफ्तरों में काम कराने का एकमात्र तरीका घूस है. 26% ने कहा कि घूस न दो तो काम समय पर होता ही नहीं.. अब जरा इस सर्वे को बारीकी से समझते हैं.

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, पुलिस, नगर निगमों और ट्रांसपोर्ट. ऐसे टॉप डिपार्टमेंट हैं जहां घूस की ज्यादा मांग होती है. जिन लोगों रिश्वत देकर काम कराया उनमें से सबसे ज्यादा 26 % ने कहा कि उन्होंने प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन या जमीन से जुड़े मामलों के लिए घूस दिया. पुलिस डिपार्टमेंट की रिश्वतखोरी में कोई कमी नहीं आई है.

नकद में रिश्वत देने का 'चलन'

सर्वे में ये बात भी सामने आई कि अब भी रिश्वत के लिए नकद का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है. 35 % लोग नकद रिश्वत देते हैं और उसके बाद दलालों के जरिए 30% घूस देते हैं.

भ्रष्टाचार रोकने के लिए दफ्तरों में CCTV लगाई गई है लेकिन लोगों ने बताया कि इसे कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. ज्यादातर कामकाज कंप्यूटर पर होने के बावजूद सरकारी दफ्तरों में घूसखोरी जारी है. एजेंट्स अब भी दफ्तरों में एक्टिव हैं.

भ्रष्टाचार के मामलों में 10% की गिरावट

एक अच्छी बात ये है कि पिछले साल के मुकाबले भ्रष्टाचार के मामलों में 10 फीसदी की गिरावट आई है. लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जहां रिश्वतखोरी बढ़ गई है. ये राज्य हैं- यूपी, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब..इन राज्यों में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा मामले दर्ज हुए. कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां रिश्वतखोरी कम हुई है - ये राज्य हैं -दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा और ओडिशा

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट कहती है कि रिश्वत के मामले में 180 देशों की लिस्ट में भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले तीन पायदान सुधरी है. पिछले साल देश भ्रष्टाचार में 81वें नंबर पर था. इस साल सुधार हुआ है भारत की मौजूदा रैंकिंग 78वीं है.

हेल्पलाइन के मामले में जागरूकता कम

भ्रष्टाचार की सूचना देने के लिए मौजूद राज्य की हेल्पलाइन के बारे में लोगों के बीच जागरुकता कम है. इस साल के सर्वे में 61% नागरिकों ने कहा कि उन्हें अपने राज्य में ऐसी किसी हॉटलाइन की मौजूदगी की जानकारी तक नहीं हैं. सिर्फ 6% लोगों ने कहा कि उनकी राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन ने पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार कम करने के लिए कोई कारगर कदम उठाया है.

जाहिर है भ्रष्टाचार मुक्त भारत अब भी एक ख्वाब ही है. सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लाख दावे करे लेकिन जमीन पर आम भारतीय आज भी भ्रष्टाचार के बुलडोजर के नीचे कुचला जा रहा है

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 27 Nov 2019,11:08 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT