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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
बिहार (Bihar) में पटना के बाद दूसरा एम्स दरभंगा में बनाने की घोषणा तो हुई लेकिन अभी शिलान्यास तक नहीं हो पाया है. इसके विरोध में 8 सितंबर को मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने जनता शिलान्यास की घोषणा की है. तैयारी भी जोरों-शोरो से चल रही है. यूनियन के लोग कारसेवा के जरिए घर-घर जाकर ईट इकट्ठा कर रहे हैं और लोग भी खुशी-खुशी इस अभियान में अपना योगदान दे रहे हैं.
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के सदस्य इसके लिए 1 अगस्त से ही 'घर-घर से ईंट लाएंगे, दरभंगा AIIMS बनाएंगे' अभियान चला रहे हैं. वो घर-घर जाते हैं और एम्स निर्माण के लिए लोगों से एक ईंट दान देने को कहते हैं.
MSU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रौशन मैथिल का कहना है कि ये पूरा मिथिला का कार्यक्रम है. हर गांव में हमें लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. हर व्यक्ति सरकार को जगाना चाहता है. मिथिला के सारे संगठन भी इस अभियान में हमारा समर्थन कर रहे हैं.
एक स्थानीय महिला कहती हैं कि दरभंगा एम्स बनने से हमें हर चीज का फायदा होगा. बीमार होने पर डॉक्टर पटना, मुजफ्फरपुर भेज देते हैं. हम मजदूर आदमी हैं, पटना कैसे जाएंगे? यहां नजदीक होगा तो चंदा लेकर भी चले जाएंगे.
यूनियन के सदस्य क्राउडफंडिंग के जरिए इसके लिए पैसे भी एकत्रित कर रहे हैं.
2015-16 के बजट में पटना के बाद राज्य में एक और एम्स बनाने की घोषणा हुई थी, लेकिन काफी समय तक जमीन आवंटन पर ही फैसला नहीं हो सका. केन्द्र सरकार को 11 चिट्ठियां लिखें जाने के बाद 12वीं चिट्ठी के बाद यह तय हुआ कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज के कैंपस में ही एम्स बनेगा. उसके बाद अस्पताल के लिए 200 एकड़ जमीन का आवंटन हुआ. 15 सितंबर 2020 को बिहार चुनाव से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने 1264 करोड़ रुपये के 750 बेड वाले इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी.
दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर के 30 जुलाई को किए ट्वीट के मुताबिक 13 करोड़ रुपये मिट्टी भराई के लिए मिला. लेकिन अभी तक भूमि का अधिग्रहण तक नहीं हुआ है.
निर्माण में देरी के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कोरोना को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के सदस्य इस मुद्दे को लगातार सोशल मीडियो के जरिए भी उठा रहे हैं, और स्वास्थ्य मंत्री व राज्य सरकार को ध्यान इस ओर दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
इस अभियान को आरजेडी नेता रितू जायसवाल का भी पूरा समर्थन मिल रहा है.
2014 में घोषित,2018 में बनकर तैयार
पार्शियली फंक्शनल
2014 में घोषित, 2018 में बनकर तैयार
पार्शियली फंक्शनल
2017 में घोषित
दोनों जगह कक्षाएं जारी
2015 में घोषित
तीनों जगह कक्षाएं जारी
अनूप मैथिल का कहना है कि नौजवानों को लग रहा है कि सरकार जनता को ठगने का काम कर रही है. इसी आधार पर आने वाले चुनावों में सरकार वोट लेगी लेकिन काम नहीं करेगी.
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