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दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी इलाके में रविवार (8 दिसंबर, 2019 ) को लगी आग में 43 लोगों की मौत हो गई. कई घायल हुए. आग लगने की वजह का पता किया जा रहा है. इस बीच, द क्विंट ने घटनास्थल पर पहुंच कर चश्मदीदों से बात की. उन्होंने द क्विंट को बताया कि संकरी गलियों और काम करने का जोखिम भरा माहौल इस तरह के हादसों को न्योता देता है.
इलाके में रहने वाले लोगों से एक निजामुद्दीन ने कहा कि यह इलाका रेजिडेंशियल है लेकिन यहां पर दस-बारह फैक्टरियां हैं. निजामुद्दीन ने बताया कि उन्हें टीवी से हादसे की जानकारी मिली. इलाके में इससे हर कोई हादसे में है. निजामुद्दीन ने बताया, '' मैं यहां सुबह साढ़े सात बजे पहुंचा. उस दौरान बचाव और राहत कार्य जारी थे. मैं सुना कि हादसा शॉर्ट-सर्किट से हुआ. '
एक दूसरे चश्मदीद मोहम्मद कामिल ने कहा, "फैक्टरी में ज्यादातर लोग दिहाड़ी पर काम करते था. यहां मजदूर अक्सर जोखिम भरे माहौल में काम करते हैं लेकिन उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. ऐसी घटनाओं को रोकने का कोई इंतजाम नहीं है.
घटनास्थल पर सुबह पहुंचने वाले निराले ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है क्योंकि फैक्टरी से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था. निराले ने बताया कि फैक्टरी से निकलने का जो छोटा सा रास्ता था वह आग से घिर गया था. इसलिए लोग अंदर ही फंस गए थे. ज्यादातर लोग दम घुटने से मर गए. चूंकि गलियां संकरी हैं इसलिए फायर बिग्रेड को पहुंचने में यहां दो घंटे लग गए.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिवार को दस लाख रुपये देने का ऐलान किया है. घायलों को एक लाख रुपये दिए जाएंगे. घटनास्थल का दौरा कर चुके दिल्ली बीजेपी चीफ मनोज तिवारी ने मरने वालों के परिवार को पांच लाख रुपये देने का ऐलान किया है. उन्होंने घायलों को पांच लाख रुपये देने को कहा है. मरने वालों के परिवार को पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से दो लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है.
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