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Delhi Liquor Policy: दिल्ली के दारूबाज पूछ रहे- जाने कहां गए वो दिन?

Delhi Liquor Policy: दिल्ली में पुरानी शराब नीति की वापसी, आखिरी दिन कैसा था निजी ठेकों का माहौल

सप्तर्षि बसाक
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<div class="paragraphs"><p>Delhi Liquor Policy: दिल्ली के दारूबाज पूछ रहे जाने कहां गये वो दिन</p></div>
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Delhi Liquor Policy: दिल्ली के दारूबाज पूछ रहे जाने कहां गये वो दिन

फोटो : अतहर राथर

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दिल्ली (Delhi Liquor Policy) में 1 सितंबर 2022 से मदिरा छलकाने वालों के लिए मुश्किलें शुरू हो गईं हैं. एक पर एक फ्री सहित कई ऑफर जो मिल रहे थे वे 1 सितंबर से बंद हो गए हैं. अब शराब प्राइवेट ठेकों पर भी नहीं मिलेगी.

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कुछ दिन पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में जांच शुरू की गई जिसके कारण दिल्ली सरकार ने 1 सितंबर 2022 से पुरानी नीति पर वापस जाने का फैसला किया है. पुरानी नीति की वजह से दिल्ली में अब निजी शराब के ठेके तेजी से बंद हो रहे हैं तो कई दुकानों पर 'दारू नहीं है' का बोर्ड दिखने लगा है.

दरअसल दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी (2021-22) के बजाय पुरानी एक्साइज पॉलिसी (2020-21) फिर से लागू हो गई है. लेकिन पुरानी पॉलिसी अगले 6 महीने के लिए ही लागू रहेगी, जबतक नई शराब नीति में हुए बदलाव को मान्यता नहीं मिल जाती.

पुरानी नीति लागू होने से पहले 31 अगस्त को दिल्ली के ठेकों का माहौल देखने के लिए क्विंट ने दिल्ली में प्राइवेट ठेकों का दौरा किया और शराब खरीदने आए लोगों से भी बात की.

'फ्री की शराब' से कई लोग नाखुश भी थे. उनकी शिकायत है कि दिल्ली वाले बहुत पी रहे थे. पीने की क्षमता बढ़ रही थी. आखिर में वो शराब पर ज्यादा पैसे खर्च कर रहे थे.

मैं एक क्वाटर पीने वाला हूं, लेकिन अगर फ्री में दो क्वाटर मिलता है तो मैं वो पी जाऊंगा और और धीरे-धीरे ज्यादा पीने की आदत लग जाएगी.
गिरिश पंडित, 42 वर्ष

40 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर वीरेंद्र कुमार कहते हैं, "पहले 120-125 में क्वाटर लेकर घर जाते और पी कर सो जाते थे, लेकिन अब एक पर एक फ्री होने से पब्लिक को ज्यादा पीने की आदत हो गई है.

ठेके के आसपास कुछ लोग सिर्फ आज का जुगाड़ करने में लगे थे. उनका कहना था आज मिल गया कल का कल देखेंगे.

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