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वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
कैमरा: श्रव्या एमजी
8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. चुनाव प्रचार अपने अंतिम पड़ाव पर है और सभी उम्मीदवार पूरा जोर लगा रहे हैं. इनमें से ही एक हैं कालकाजी से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी. आतिशी लोकसभा 2019 में पूर्वी दिल्ली से पार्टी की उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें गौतम गंभीर से हार का सामना करना पड़ा.
दिल्ली में सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने में आतिशी का भी बड़ा रोल माना जाता है. ऐसे में दिल्ली के कई सरकारी स्कूलों की हालत को लेकर BJP के लगाए गए आरोपों पर और इस बार पार्टी को मिलने वाली सीटों पर क्विंट ने आतिशी से खास बातचीत की.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर BJP ने वीडियो जारी किए. इसके बारे में क्या कहती हैं आतिशी?
BJP ने जो सरकारी स्कूलों का वीडियो बनाया और दिखाया वो बहुत हास्यास्पद है. वो दो ऐसे स्कूल में चले गए, जहां नई बिल्डिंग बन चुकी है और नोटिस लगा है कि इस बिल्डिंग को तोड़ा जाना है. स्कूल यहां से शिफ्ट किया जा चुका है लेकिन उन्होंने वो नोटिस नहीं दिखाया. फिर दो और स्कूल गए, जहां पुरानी बिल्डिंग को दिखाया गया और जो पास ही में नई बन रही है, वो नहीं दिखाया गया. तो ये साफ है कि BJP के पास इस चुनाव में लड़ने के लिए एजेंडा नहीं है. आज BJP के पास कोई चेहरा नहीं है, इसलिए वो झूठ पर उतर आई है.
500 नए स्कूलों का वादा किया गया था लेकिन सिर्फ 30 स्कूल ही क्यों खोले गए?
हमने शुरुआत में स्कूल खोलने के लिए DDA से जमीन मांगी थी, तब हमें जमीन नहीं मिली. हम रुकने वाले नहीं थे. हमने कहा कि स्कूल को आगे बढ़ाना है. अगर हम नए स्कूल नहीं बना सकते तो हम नए क्लासरूम बना देते हैं. 2015 में जब हमारी सरकार बनी तो दिल्ली के सरकारी स्कूल में कुल 17, 000 क्लासरूम थे. ये 1947 से लेकर 2015 तक था. हमने सिर्फ 5 साल में 20,000 नए क्लासरूम बनाये हैं.
कालकाजी के लिए आपका क्या प्लान है?
दिल्ली के इस इलाके में सबसे बड़ी दिक्कत ट्रैफिक और पार्किंग की है, हम उसे फिर से डिजाइन करेंगे. अभी आप गोविन्दपुरी में हैं. पीछे बहुत सारी झोपड़ियां हैं, बुनियादी सुविधाओं में भी 20-25 सालों से सुधार नहीं हुआ है. पिछले 5 सालों में हम काफी आगे आए हैं. जैसे सीवेज लाइन, पानी की समस्या, हम उन पर काम करेंगे. तीसरा हम चाहते हैं कालकाजी क्षेत्र में हम नए स्कूल खोलें.
आतिशी 2019 लोकसभा चुनाव में गौतम गंभीर से चुनाव हार गई थीं. इस बार क्या नया है?
लोकसभा चुनाव में देश प्रधानमंत्री चुन रहा था, लोगों को ये देखना था कि देश का चेहरा कौन होगा, किसे प्रधानमंत्री बनना चाहिए. ये चुनाव दिल्ली के मुख्यमंत्री का है और अरविंद केजरीवाल से बेहतर चेहरा कोई नहीं है.
इस चुनाव में AAP को कितनी सीटें मिलेंगी?
पिछली बार 67 सीट आईं थी. इस बार हमारी कोशिश रहेगी कि उससे ज्यादा सीट आए.
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