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वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
बांके बिहारी एंटरप्राइजेज एक फर्जी कंपनी है जो महज 6 महीने के भीतर 1.45 करोड़ रुपये का GST लूटने में कामयाब रही और इस पैमाने पर धोखाधड़ी करने के लिए कंपनी के मालिक को सिर्फ एक GST रजिस्ट्रेशन नंबर ऑनलाइन हासिल करना था. जिसे उन्होंने केवल 72 घंटों में बिना किसी सरकारी वेरिफिकेशन के हासिल कर लिया.
कंपनी, इसकी धोखाधड़ी, इसकी लूट पर GST अधिकारियों का ध्यान तब गया जब इसने GST रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया और गायब हो गई. मतलब, बहुत देर हो गई. जब GST अधिकारियों ने घोटाले की जांच की तो ये पाया गया कि बांके बिहारी एंटरप्राइजेज ने फर्जी रसीद का उपयोग करके लाखों रुपये लूटे.
भारत में केवल बांके बिहारी एंटरप्राइजेज की तरह एक फर्म नहीं है, वास्तव में, ऐसी हजारों फर्जी फर्में हैं. जुलाई 2017 और जनवरी 2020 के बीच अकेले GST कर चोरी के कारण केंद्र सरकार को 35,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है
अधिकारियों को दिए गए अपने GST रिटर्न में बांके बिहारी एंटरप्राइजेज ने कुंडली में स्थित एक फर्म 'बी' को इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने का जिक्र किया, जिसकी कीमत 2.23 करोड़ रुपये थी, साथ ही, फर्म 'बी' को माल बेचने के लिए सरकार को 34 लाख रुपये से अधिक 34,05,575 रुपये की कुल राशि का जिक्र किया गया है.
केवल एक फर्जी लेनदेन में सरकार ने 34 लाख रुपये से अधिक का GST कलेक्शन खो दिया, जिसे अगर कोशिश की भी जाए तो लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही हासिल किया जा सकता है
बांके बिहारी एंटरप्राइजेज ने कई कंपनियों के साथ 11 ऐसे लेन-देन किए, जिसके कारण 1.45 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी हुई.
GST ऑफिसर के अनुसार-
आम तौर पर, एक अकेला व्यक्ति जिसे हम मास्टरमाइंड कह सकते हैं, कई नकली फर्म्स स्थापित करता है. मास्टरमाइंड क्या करता है- व्यक्ति ‘ए’ को पकड़ लेता है, अक्सर जिसको पैसे की जरूरत होती है, मास्टरमाइंड व्यक्ति A को महीने में 15-20 हजार का भुगतान करता है और GST रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त करने के लिए व्यक्ति A के पैन नंबर और बैंक खाते के विवरण का उपयोग करता है. ये घोटाला साल में 6 महीने तक चलता है और ये मास्टरमाइंड कभी भी इन फर्जी फर्मों को बनाते और संचालित करते समय अपने व्यक्तिगत विवरण का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
GST प्रणाली में कौन सी प्रमुख खामियां हैं जिससे ऐसे घोटाले होते हैं?
2 मार्च 2020 को वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि- जिस दिन GST की शुरुआत की गई थी यानी-1 जुलाई 2017 को और जनवरी 2020 के बीच केंद्रीय GST अधिकारियों को 70,206 करोड़ रुपये की GST चोरी का पता चला था, 34,591 करोड़ रुपये वसूले गए ढाई साल में 35,000 करोड़ से अधिक का नुकसान!
सवाल है- क्या सरकार GST प्रणाली में इन कमियों को ठीक करने पर काम कर रही है? अगर हां तो कब से? अगर नहीं तो और अधिक कंपनियों के लिए तैयार रहें बार-बार सरकार को घोटाले और लूटे जाने के लिए जैसे कि बांके बिहारी एंटरप्राइजेज.
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