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उत्तर प्रदेश सरकार की जांच के बाद डॉ कफील खान को आखिरकार क्लीनचीट मिल गई है. 10-12 अगस्त 2017 के बीच 48 घंटे के अंदर डॉ कफील एक 'मसीहा' से 'कातिल' बन गए. बता दें कि गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. डॉ कफील अस्पताल की उस खौफनाक रात को याद करके आज भी भावुक हो जाते हैं.
डॉ कफील ने कहा, मुझे आज भी वो रात याद है, जब माताएं हमारे पैर पकड़-पकड़कर रो रही थी. वो हमसे अपने बच्चे को बचाने के लिए कह रही थी. लेकिन हम चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहे थे. हम सिलेंडर लाते थे, जब तक सिलेंडर का दूसरा स्लॉट आता था, बच्चों की मौत हो जाती थी.
डॉ कफील खान ने कहा, मुझे आज भी याद है जब 13 अगस्त को सीएम योगी आए. उन्होंने पूछा, कौन है डॉ कफील? फिर उन्होंने कहा, तो तू है डॉ कफील, तू सिलेंडर लाया था, तू सिलेंडर लाकर सोचता है कि तू हीरो बन जाएगा. देखता हूं तुझे.
जब कफील खान जेल में थे उनके परिवार को कई परेशानी झेलनी पड़ी. खान के जेल से छूटने के बाद उनकी बेटी उन्हें पहचान तक नहीं पाई. डॉ कफील ने कहा, पहले दिन मुझे समझ नहीं आया कि जेल क्यों आ गया. मैं तो बच्चों को बचा रहा था.
डॉ कफील जब जेल से बाहर आ गए, तो उनकी पत्नी ने उन्हें बताया कि रात 2-3 बजे पुलिस घर आ जाती थी. छोटी बच्ची को दूध नहीं पिलाने देते थे.
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