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वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे तेज बहादुर यादव ने ये बातें चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के बाद कही थीं. तेज बहादुर पर नामांकन के दौरान हलफनामे में नौकरी से बर्खास्तगी को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप था. अब आयोग ने तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया है.
आयोग ने तेज बहादुर से बुधवार को 11 बजे तक जवाब मांगा है.
मंगलवार को तेज बहादुर ने कहा था,
तेज बहादुर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार दिया है. उन्होंने कहा, "मोदीजी जानबूझकर मुझे रोक रहे हैं. अगर मैंने गलत शपथ पत्र दिया है, तो मुझे फांसी चढ़ा दो. लेकिन आप डर के मारे मुझे चुनाव लड़ने से क्यों रोक रहे हैं? इसका मतलब हमारे देश में हिटलर शाही लागू है."
तेज बहादुर ने कहा है कि ये सब कुछ सीधे-सीधे पीएम मोदी के इशारों पर हो रहा है.
तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ में रहते हुए साल 2017 में जवानों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी पर सवाल उठाए थे. तेज बहादुर ने वीडियो जारी किया था, जिसमें वह कह रहे हैं, 'मैं चाहता हूं ये वीडियो पूरे देश तक पहुंचे, ताकि लोगों को पता चल सके कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्याचार कर रहे हैं. हम किसी सरकार को कोई दोष नहीं देना चाहते, क्योंकि सरकार हर सामान जवानों को देती है लेकिन बड़े अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं. ऐसे हालात हैं कि कई बार जवानों को भूखे पेट भी सोना पड़ता है.'
तेज बहादुर ने बताया था कि जवानों को सुबह के नाश्ते में सिर्फ एक पराठा और चाय के साथ मिलता है. उन्होंने बताया था कि दोपहर के खाने में जो दाल मिलती है उसमें सिर्फ हल्दी और नमक होता है.
तेज बहादुर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद पीएमओ को इस मामले पर संज्ञान लेना पड़ा. हालांकि, बाद में बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को सेवा से बर्खास्त कर दिया था.
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