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‘मैं आज स्वतंत्रता दिवस के इस पवित्र मौके पर प्रदेश में नए सिरे से भामाशाह योजना लागू कर रही हूं. अपना भामाशाह कार्ड बनवाएं ताकि राजस्थान के हर परिवार की महिला मुखिया के नाम बैंक खाता हो जिसमें पैसा जमा हो और उस पैसे को अपने विवेक से खर्च करने का उसे अधिकार हो.’
2014 में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भामाशाह योजना लागू की.
भामाशाह योजना की वेबसाइट के मुताबिक:
‘राजस्थान सरकार ने महिला सशक्तीकरण और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से पहुंचाने के लिए 15 अगस्त 2014 से भामाशाह योजना की शुरूआत की. योजना में महिला को परिवार की मुखिया बनाकर परिवार के बैंक खाते उनके नाम पर खोले गये हैं. परिवार को मिलने वाले सभी सरकारी नकद लाभ सरकार सीधा इसी खाते में दे रही है. राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां यह हुआ है.’
अब योजना के मुताबिक होना यही था लेकिन हकीकत कुछ और है- कई रियलिटी चेक ने वसुंधरा राजे की मेगा स्वास्थ्य भामाशाह योजना की कई खामियों की पोल खोल दी है.
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में परिवार के हर सदस्य को हर साल सामान्य बीमारियों के लिए 30 हजार और गंभीर बीमारियों के लिए 3 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलना था. वेबसाइट के मुताबिक 'अस्पताल में भर्ती के दौरान हुए खर्च के अलावा भर्ती से 7 दिन पहले से 15 दिन बाद तक का खर्च शामिल किया जाता है' लेकिन... भामाशाह कार्ड धारक रामुडी बाई टाइफाइड से जूझ रहीं हैं, रामुडी को कैश के बिना इलाज नहीं मिल पाया, वो कहती हैं-
भामाशाह कार्ड धारक भगवान गिरि का एक्सीडेंट हुआ था. एक्सीडेंट में पत्नी के घायल होने पर इलाज नहीं मिल पाया क्योंकि उनके पास कैश नहीं था.
पत्नी के इलाज के लिए पैसे के अभाव में भगवान गिरि ने 2017 में अपनी पत्नी को खो दिया
भामाशाह कार्ड धारकों में रामुडी और गिरि जैसे और भी लोग हैं. उनकी मांग है कि अब राज्य सरकार उनके खर्च की भरपाई करे. ‘भामाशाह कार्ड होने के बावजूद 8,000 इलाज में लगा भामाशाह योजना के तहत इलाज मुफ्त होता है तो हमें पैसे मिलने चाहिए’
जन स्वास्थ्य अभियान एनजीओ में काम करने वाली कार्यकर्ता छाया पचौली का कहना है कि-
सितंबर 2018 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी भामाशाह योजना से बाहर निकल गई. क्योंकि राजस्थान सरकार 107 करोड़ का प्रीमियम नहीं दे पाई. फर्जीवाड़ा, पेमेंट में देरी और क्लेम में 5 गुणा बढ़ोतरी भामाशाह योजना से जुड़ी ये परेशानियां राज्य सरकार के लिए चुनावी साल में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं.
क्या मोदी जी की आयुष्मान भारत योजना में भामाशाह योजना को मिलाया जाना चाहिए?
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