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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस के बोर्डोक्स में 36 राफेल जेट विमानों में से पहला विमान रिसीव करने के बाद उसमें पहली उड़ान भरी. रक्षा मंत्री ने उड़ान से पहले राफेल की शस्त्र पूजा भी की. एयरक्राफ्ट हैंडओवर करने के कार्यक्रम में फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और राफेल जेट निर्माता दसॉ एविएशन के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे. रक्षा मंत्री 7 अक्टूबर को तीन दिवसीय यात्रा पर पेरिस रवाना हुए थे.
कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा, "पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर रणनीतिक साझेदारी के लिए मूल आधार तैयार किया था. हम उनके आभारी हैं. आज का दिन भारत और फ्रांस के लिए मील का पत्थर और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की नई ऊंचाई का दिन है."
सिंह ने समय पर लड़ाकू विमान की आपूर्ति के लिए दसॉ का शुक्रिया अदा किया. पहले राफेल विमान का नंबर आरबी 001 है
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि बचे हुए विमानों और हथियार प्रणाली की आपूर्ति समय पर होगी. भारत के राफेल के अधिग्रहण से क्षेत्र में शांति, समृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता बढ़ेगी."
राफेल सौंपने का कार्यक्रम बोर्डोक्स के मेरीग्नैक में दसॉ एविएशन के परिसर में हुआ. यह जगह पेरिस से करीब 590 किलोमीटर दूर है. पहला विमान भारत को मिल जाएगा लेकिन चार विमानों की पहली खेप अगले साल मई तक ही भारत आएगी.
सूत्रों के मुताबिक, विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात किया जाएगा. यह स्टेशन भारत पाक सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है. राफेल का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हाशिमारा अड्डे पर तैनात किया जाएगा.
भारत ने करीब 59,000 करोड़ रुपये की लागत में 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था.
राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को पेरिस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉ के साथ बैठक की है. इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों पर चर्चा हुई. सिंह फ्रांस के रक्षा मंत्री के साथ वार्षिक रक्षा वार्ता भी करेंगे जिस दौरान दोनों पक्ष रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तौर-तरीके पर बातचीत करेंगे.
9 अक्टूबर को सिंह फ्रांसीसी रक्षा कंपनियों के CEOs को संबोधित करेंगे. सिंह उनसे भारत में रक्षा के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल में भाग लेने की अपील करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना की उच्च-स्तरीय टीम राफेल विमान सौंपने से संबंधित कार्यक्रम में फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ तालमेल के लिए पहले से ही फ्रांस में है.
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