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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम
COVID-19 से फ्रंटलाइन पर लड़ रहे कश्मीर के स्वास्थ्य कर्मचारियों का आरोप है कि वो पुलिस की गालियां, बेइज्जती और बर्बरता झेल रहे हैं. वैलिड पास और ऑफिशियल व्हीकल होने के बावजूद बांदीपोरा जिले के चीफ मेडिकल अफसर को क्वॉरंटीन सेंटर जाने से रोका गया.
SMHS अस्पताल के सीनियर यूरोलॉजिस्ट ने द क्विंट को बताया कि वो लंबी ड्यूटी के बाद अस्पताल से घर लौट रहे थे. घर लौटते समय पुलिस चेकपॉइंट पर उन्हें रोका गया. डॉ. शब्बीर का कहना है कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को सभी कागज दिखाए, लेकिन उसके बावजूद उनके साथ बदतमीजी की गई.
डॉ. शब्बीर ने आगे बताया कि उन्होंने घर पहुंच कर अस्पताल प्रशासन को घटना के बारे में बताया और डॉक्टर्स के साथ पुलिस के व्यवहार की शिकायत की. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें कार्रवाई करने आश्वासन दिया.
कुछ ऐसा ही श्रीनगर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सैय्यद मकबूल के साथ हुआ. उनका कहना है कि वो घर से अस्पताल की और जा रहे थे और रास्ते में पुलिस चेकपॉइंट पर एक पुलिसकर्मी ने उन्हें रोका डॉ सैय्यद के सारे कागज दिखने के बावजूद उन्हें आगे ना जाने दिया गया. वो कहते हैं-
इसके बाद सैय्यद बताते हैं कि उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया और थाने ले गई, डॉ सैय्यद का कहना है कि उन्हें पुलिस को कहा कि उन्हें कम से कम अपने अस्पताल में बताने दिया जाए, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली और बदले में गालियां मिली.
26 मई को डॉक्टरों ने अपने साथी कमर्चारियों के साथ हुए बर्ताव को लेकर श्रीनगर के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सामने प्रदर्शन किया. कड़ी आलोचना झेलने के बाद पुलिसवालों ने कई चेक प्वाइंट पर डॉक्टर्स को फूल बांटे.
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