Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महाराष्ट्र में क्यों एक बार फिर मार्च करने को मजबूर हुए किसान?

महाराष्ट्र में क्यों एक बार फिर मार्च करने को मजबूर हुए किसान?

किसानों की तैयारी मुंबई तक जाकर सरकार से अपनी मांगें मनवाने की है

रौनक कुकड़े
न्यूज वीडियो
Updated:
महाराष्ट्र में एक बार फिर मार्च के लिए जुटे किसान
i
महाराष्ट्र में एक बार फिर मार्च के लिए जुटे किसान
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

महाराष्ट्र के किसान एक बार फिर राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार को घेरने के लिए लॉन्ग मार्च करने निकले हैं. किसानों की तैयारी मुंबई तक जाकर सरकार से अपनी मांगें मनवाने की है.

इस बार पुलिस ने किसानों के लॉन्ग मार्च को परमिशन नहीं दी है. हालांकि, किसान नेता मुंबई जाने को लेकर आक्रामक नजर आ रहे हैं. ऐसे में किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष होने की आशंका जताई जा रही है.

नासिक में जुटे हजारों किसान

नासिक के मुंबई नाका बस स्टॉप पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हैं. किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने उनकी मांगें नहीं मानी हैं, इसलिए उन्हें एक बार फिर मार्च के लिए साथ आना पड़ा है. इसके अलावा किसानों ने कहा

‘’हमारी मांगें आज की नहीं हैं. हमें उम्मीद थी कि फडणवीस सरकार के महाराष्ट्र में आने के बाद हमारी मांगें पूरी होंगी, लेकिन इस सरकार ने किसानों को निराश किया है.’’

क्या हैं किसानों की मांगें?

1. वन-जमीन के पट्टों के 7/12 किसानों के नाम किए जाएं

वन-जमीन तो इन किसानों के नाम पर है लेकिन 7/12 किसानों के नाम पर ना होने की वजह से सूखा या बारिश की वजह से जब फसल बर्बाद हो जाती है, तब सरकार की तरफ से नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती.

2. कर्जमाफी की प्रक्रिया आसान हो

फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र में किसानों का कर्ज भले ही माफ कर दिया हो, लेकिन कई तरह के नियमों और प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से बहुत से किसानों को फायदा नहीं मिल पाया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

3. फसल बीमा योजना का फायदा मिले

बहुत से किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जिस फसल बीमा योजना की शुरुआत की, उसका फायदा सही तरीके से नहीं मिल रहा. इन किसानों ने बताया कि उन्होंने फसल का बीमा तो कराया, लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं.

4. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं

किसानों की एक मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने की भी है. किसानों का कहना है कि उन्हें फसलों के सही दाम मिलने चाहिए.

फडणवीस सरकार का क्या कहना है?

फडणवीस सरकार का कहना है कि सरकार ने किसानों के साथ कोई वादा-खिलाफी नहीं की है. मुंबई में पिछली बार सीएम फडणवीस और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक के बाद वन-जमीन पट्टों के 7/12 देने का काम शुरू किया गया. बताया जा रहा है कि अब तक सरकार ने करीब 43 हजार किसानों को इसके पत्र दे दिए हैं और बचे हुए आवेदनों को जल्द निपटाने की प्रक्रिया चल रही है. जानकारी के मुताबिक, अभी सरकार के पास करीब 2 लाख आवेदन बचे हुए हैं.

किसानों से बात करने पहुंचे मंत्री

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन किसानों से बात करने के लिए मुंबई से नासिक पहुंचे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि किसान जब आक्रामक होते हैं, तब ही सरकार की नींद क्यों खुलती है? अब यह देखना अहम होगा कि क्या महाजन के आश्वासन के बाद किसान मानते हैं या फिर किसानों और सरकार के बीच संघर्ष बढ़ेगा?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 20 Feb 2019,09:21 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT