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ये जो इंडिया है ना.. यही अगर राशिद और पिंकी (Rashid & Pinky) ने की है शादी.. तो यूपी पुलिस क्यों बन रही है कबाब में हड्डी ? जी हां, उत्पीड़न ,हरासमेंट शुरू हो चुकी है. राशिद और पिंकी की शादी जुलाई में हुई थी. पिछले हफ्ते मुरादाबाद में मैरिज सर्टिफिकेट लेने गए , लेकिन शादी की बधाई की जगह राशिद और उनके भाई पहुंचे यूपी पुलिस की हिरासत में, और पिंकी महिला शेल्टर होम में. क्यों ?
यूपी के असंवैधानिक, नफरती और बाटने वाली एंटी लव जिहाद कानून (Anit Love-Jihad Law) की वजह से , जिला मजिस्ट्रेट को ये समझाने में 2 दिन लग गए कि, पिंकी बालिग है और उसने अपनी मर्जी से राशिद से शादी की है. तब जाके वो अपने ससुराल लौटी. जबकि राशिद अभी भी जेल में बंद है, उनका गुनाह सिर्फ प्यार करना था.
एक वीडियो अक्टूबर 2020 में वायरल हुआ था, दावा किया गया कि ये एक हिंदू पिता अपनी बेटी से एक मुस्लिम शस्क से शादी ना कराने की गुजारिश कर रहा था , इसे लव जिहाद का मामला बताते हुए राइट विंग कॉमेंटेटर शिफाली वादियां ने फेसबुक पर शेयर किया, इस वीडियो ने मेरा दिल तोड़ दिया... हिंदू पिता अपनी बेटी से लव जिहाद का शिकार ना बनने की गुजारिश कर रहा है. वो तीसरी पत्नी के रूप में पांचवें बच्चे को जन्म देगी. या फिर उसका सर कलम करा दिया जाएगा.
रैनी लिन ( Renee Lynn) ने इस वीडियो पर ट्वीट किया , एक और हिन्दू बेटी को इस्लाम की शादी में धोखा मिला. उसे इसका पछतावा होगा क्योंकि शादी के तुरंत बाद उसे मार दिया जाएगा , लेकिन सच कुछ और है. क्विंट की फेक न्यूज़ टीम ने पता किया कि इस मामले में पति मुसलमान था ही नहीं !! पति पत्नी का नाम लखाराम और सीता था.
दोनों ही राजस्थान के.. हिन्दू !!! और इस तरह से हमारे देश के सेकुलरिज्म को तोड़ने के इरादे से लव जिहाद के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है.
मेरी कलीग् अस्मिता नंदी.. इन लोगों से निकिता तोमर के घर के बारे में मिली... जिनकी अक्टूबर 2020 में एक ऐसे आदमी ने गोली मारकर हत्या करा दी थी, जो 2 साल से उनका पीछा कर रहा था. क्योंकि वो आदमी मुस्लिम था... और निकिता हिंदू, इसलिए मामले को लव जिहाद का झूठा मोड़ दे दिया गया-
लेकिन निकिता के पिता ने हमें बताया कि आरोपी कभी भी हिंदू नाम लेकर निकिता से नहीं मिलता था...
सच्चाई ये है कि निकिता का अपराधी इलाके के एक राजनीतिक परिवार से जुड़ा हुआ था , उसे लगातार निशाना बनाया जा रहा था. यही इस अपराध से निपटने की जरूरत है , वो है स्टाकिंग. यानी महिला का लगातार पीछा करना. स्टॉकर ने लड़की पर एसिड से हमला कर दिया, स्टॉकर ने लड़की को गोली मार दी.... ऐसी हैडलाइन हम सब पढ़ चुके हैं.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई है... और कई एक्सपर्ट मानते हैं कि कानूनों को असंवैधानिक माना जाएगा
लेकिन मुझे नहीं लगता कि यूपी की सरकार बहुत निराश होगी... अगर सुप्रीम कोर्ट ने उनका लव जिहाद विरोधी कानूनों को नामंजूर कर दिया. क्योंकि इस तरह का कानून पास होने उनके लिए बोनस है. सालों से उनके लिए इतना ही काफी रहा है कि लव जिहाद एक चर्चा का मुद्दा बना रहे - राजनीतिक भाषाओं में, सोशल मीडिया पर फर्जी समाचार के रूप में , या गोदी मीडिया के टीवी स्टूडियो के डिस्कशन में. वस्विक उद्देश्य क्या है? देश के मुस्लिम आबादी को बुरा बताना. अब एक पूरे समुदाय को आतंकवादी भुलाना आसान नहीं है.
यही कोई कोर्ट लव जिहाद के विचार को हरा नहीं सकता... ये तभी होगा जब देश का हर धर्मनिरपेक्ष, हर सेकुलर इंसान इससे अपने दिल और दिमाग से खारिज करेगा !!!
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Published: 19 Dec 2020,08:13 PM IST