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वीडियो ए़डिटर: संदीप सुमन
अपने देश में इस वक्त एक इतिहास लिखा जा रहा है. इतिहास के इस चैप्टर का नाम है- नागरिकता संशोधन विधेयक.... लोकसभा में ये बिल पेश किया गया है और झमाझम बहस हो रही है.
विवाद किस बात पर है? इस प्रावधान पर- पड़ोसी देश यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान से आए हैं, रिफ्यूजी हैं और हिंदू हैं, बौद्ध हैं, जैन हैं, ईसाई हैं, सिख हैं या पारसी हैं तो भारत की नागरिकता मिल जाएगी लेकिन अगर मुस्लिम हैं तो नहीं मिलेगी. बिल में वैसे तो कई बातें हैं लेकिन बस इसी एक बात पर बवाल खड़ा हो गया है.
अब ये जान लेते हैं कि बिल किन राज्यों और क्षेत्रों में लागू नहीं होगा- अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड में लागू नहीं होगा सिटिजन अमेंडमेंट बिल.. वहीं त्रिपुरा, असम और मेघालय के कुछ हिस्सों में ये लागू नहीं होगा. पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में इसका बड़े पैमाने पर विरोध भी हो रहा है.
कांग्रेस इस बिल का पुरजोर तरीके विरोध कर रही है.. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का सिटिजन अमेंडमेंट बिल पर कहना है कि धर्म क्या हमारे देश का आधार हो सकता है? जिन्हें धर्म के आधार पर देश चाहिए था, उन्होंने पाकिस्तान बनाया.
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि कि सेक्युलरिज्म देश के बेसिक स्ट्रक्रचर का हिस्सा है. ये बिल मौलिक अधिकारों का हनन करता है.
बिल का विरोध कर रही कुछ पार्टियों का ये भी कहना है कि श्रीलंका, म्यांमार और तिब्बत बिल से बाहर क्यों हैं जबकि इन देशों में भी हिंदुओं, मुसलमानों और बौद्धों को प्रताड़ित किए जाने की खबरें आती रहती हैं.
उधर बिल को पेश करते वक्त अमित शाह ने कहा कि ये बिल .001% भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है. बिल में कहीं भी, एक बार भी मुस्लिम समुदाय का जिक्र नहीं किया गया है. नागरिकता संशोधन विधेयक, संविधान के किसी भी अनुच्छेद का खंडन नहीं करता है.
वो कहते हैं कि अगर इन तीनों देशों (अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश) से कोई भी मुस्लिम कानून के मुताबिक नागरिकता के लिए आवेदन करता है, तो हम इस पर विचार करेंगे. लेकिन इस विधेयक का लाभ उन लोगों को नहीं मिलेगा जो धार्मिक प्रताड़ना का शिकार नहीं हुए हैं...
कुल जमा सवाल ये उठ रहा है कि वसुधैव कुटुंबकम और विश्वगुरू बनते-बनते कहीं हम ट्रैक से भटक तो नहीं गए हैं....कहीं हमारा धर्मनिरपेक्ष देश धर्म विशेष के खिलाफ तो नहीं जा रहा है? यकीन नहीं होता कि ये अपने देश में हो रहा है. नागरिकता मिलेगी, पहले धर्म बताओ के स्टाइल में अब कानून बनने जा रहा है...
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