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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम
सात साल और तीन महीने बाद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी की सजा दे दी गई. 16 दिसंबर 2012 को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 साल की निर्भया का गैंगरेप किया था और उसे मरने के लिए बस से बाहर सड़क किनारे फेंक दिया था. 13 दिन बाद 29 दिसंबर 2012 को निर्भया ने आखिरी सांस ली.
इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए. इस घटना के बाद पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था.
इस मामले में एक नाबालिग समेत 6 को गिरफ्तार किया गया. 10 सितंबर 2013 ट्रायल कोर्ट ने इन चारों को दोषी ठहराया. 13 मार्च 2014 हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार. 5 मई 2017 सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.
मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को मृत्युदंड सुनाया गया. एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था.
अक्षय कुमार सिंह जिस बस में रेप हुआ उस बस का क्लीनर था. मुकेश सिंह उस बस का ड्राइवर था, रविदास कैंप का निवासी था. विनय शर्मा एक फिटनेस ट्रेनर था, विनय भी रविदास कैंप का ही रहने वाला है और पवन गुप्ता एक फल विक्रेता था.
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