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केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और MSME मंत्री नितिन गडकरी ने क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया के साथ बातचीत में माना है कि MSMEs को लोन मिलने में दिक्कत हो रही है.
3 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी स्कीम में MSMEs को बैंकों से हो रही दिक्कत से जुड़े सवाल पर गडकरी ने कहा,
इसके अलावा गडकरी ने कहा कि उन्हें पता है कि सेंक्शन होता है लेकिन डिस्बर्समेंट होने में थोड़ा समय लगता है.
उन्होंने कहा, ''किसी भी प्रोग्राम के लागू होने में समस्याएं तो आती ही हैं. पॉलिसी की घोषणा के बाद उससे जुड़ी जो भी दिक्कतें आ रही हैं, हम वित्त मंत्री से बात करके उनका समाधान निकालेंगे. जरूरत हुई तो मैं प्रधानमंत्री जी से भी इस बारे में चर्चा करूंगा.''
केंद्रीय मंत्री ने इंपोर्ट पर निर्भरता कम करने के लिए पीपीई किट्स का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले भारत में चीन से स्पेशल हवाई जहाज के जरिए पीपीई किट मंगाई गई थीं, अब देश में हर रोज 5 लाख पीपीआई किट बनने लगी हैं.
उन्होंने कहा, ''अगर MSME को मौका मिलता है, तो इंपोर्ट को कम करना चाहिए और एक्सपोर्ट को बढ़ाना चाहिए. मैं दो किताबें प्रकाशित कर रहा हूं कि देश का एक्सपोर्ट कितना है तीन साल का और इंपोर्ट कितना है.''
गडकरी ने कहा, ''हम निश्चित तौर पर इंपोर्ट को कम करेंगे और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देकर अपनी इकनॉमी को मजबूत बनाएंगे.'' उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट बढ़ने से नए रोजगार पैदा होंगे, हमारी जीडीपी ग्रोथ में एडिशन होगा और देश को उसका फायदा होगा.
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