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अमृतसर ट्रेन हादसे में मारे गए 60 लोगों में रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले दलबीर सिंह भी थे. वे शुक्रवार को कई लोगों के साथ ट्रेन की चपेट में आ गए थे. हादसे से 24 घंटे पहले ही उन्हें रामलीला में परफॉर्म करते देखा गया था. उनकी परफॉर्मेंस पर लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाई थीं.
अमृतसर में लोग वार्षिक दशहरा समारोह में जलते हुए रावण को देखने का मजा ले रहे थे. तभी 91 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आती ट्रेन ने दलबीर के साथ 60 लोगों को कुचल दिया.
क्विंट से बातचीत में दलबीर के परिवारवालों ने बताया कि अपनी जान जाने से पहले दलबीर ने काफी लोगों की जान बचाने की कोशिश की.
जिन लोगों ने अपने दोस्तों और परिवारवालों को खोया, उन्होंने क्विंट से बात करते हुए कहा कि 19 अक्टूबर का दिन उनके लिए काला दिवस रहा. इस दुख में दलबीर की मां स्वर्ण कौर भी शामिल हैं, जो आंसुओं में डूबी रहीं. उन्होंने रिपोर्टर को दलबीर सिंह की आठ महीने की बच्ची की तरफ इशारा करते हुए कहा, ''उसकी तरफ देखो, उसका नाम परी है. जब वो बड़ी होगी, उसको कौन बताएगा कि उसके पापा के साथ क्या हुआ?'' ये कहते हुए वो दोबारा आंसुओं के सागर में डूब गईं.
दलबीर के बड़े भाई बलबीर सिंह कहते हैं:
अमृतसर के जोड़ा फाटक पर हुए इस हादसे के बाद लोगों को गम से उबरने में वक्त लगेगा. यहां रामलीला अब पहले जैसी नहीं मनाई जा सकेगी. दलबीर में उन्होंने अपना स्टार परफॉर्मर, अपना रावण खोया है. लेकिन वो दलबीर को ऐसे इंसान के रूप में याद रखेंगे, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कई लोगों की जान बचाई.
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