उरी हमला: क्या शहीदों के परिवार को भूल गई सरकार?

क्या उरी के शहीदों के परिवार को भूल गई सरकार? 

क्विंट हिंदी
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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

18 सितंबर 2016, उरी में आतंकियों ने आर्मी कैंप को निशाना बनाया, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए और कई घायल हुए थे. ये आर्मी पर हुए सबसे खतरनाक हमलों में एक था. हमले को 2 साल से ज्यादा हो गए. क्विंट ने शहीद जवान के परिजनों से बात की.

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कई लोग चाहते हैं कि जंग न हो, तो कई भारत की तरफ से पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक से खुश हैं लेकिन, उनकी नाराजगी इस बात से है कि उनसे किए वादों को सरकार आज तक पूरा नहीं कर पाई है, न ही उन्हें कोई मुआवजा दिया गया है.

शहीद पन्नालाल यादव के पिता उदय यादव को मुआवजे के लिए बहुत जद्दोजहद करना पड़ी, वो बताते हैं-

हमें 10 लाख का मुआवजा मिला लेकिन काफी मशक्कत के बाद. वरना हमें कुछ भी नहीं मिलता. बस यही मिला है उसके अलावा कुछ नहीं मिला. ये सब अखिलेश सरकार के वक्त की बात है.
उदय यादव, शहीद पन्नालाल यादव के पिता

वो आगे कहते हैं कि, 'सरकार ने हमसे बहुत वादे किये थे. लेकिन हमें सिर्फ 10 लाख ही मिले अखिलेश की सरकार में. उन्होंने कहा था वो 3 घर बनाएंगे, मूर्ति बनवाएंगे सड़के बनाएंगे, बिजली देंगे, लेकिन अब तक कोई सुविधा नहीं मिली है.

शहीद राजेश सिंह के पिता राजेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि उन्होंने सरकार को कई बार चिट्ठी लिखी लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.

मैंने कई बार सरकार को,प्रशासन को  चिट्ठी लिखी लेकिन कुछ नहीं हुआ. अगर वो हमें पैसे नहीं दे सकते तो उनको हमें लिखित में बताना चाहिए. मैं इससे बहुत हताश हूं और दुखी भी. मैं बस इधर से उधर दौड़ रहा हूं और इसमें मैंने बहुत पैसे झोंक दिए हैं. मेरे पास सारे सबूत हैं और मैं अब कोर्ट जाऊंगा.
राजेंद्र प्रताप सिंह, शहीद राजेश सिंह के पिता

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