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नवदीप कौर कौन है? जिसके लिए दिल्ली से अमेरिका तक उठी आवाज

नवदीप कौर, किसानों और मजदूरों के हक के लिए लड़ने वाली एक दलित एक्टिविस्ट  

क्विंट हिंदी
न्यूज वीडियो
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नवदीप कौर, किसानों और मजदूरों के हक के लिए लड़ने वाली एक दलित एक्टिविस्ट  
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नवदीप कौर, किसानों और मजदूरों के हक के लिए लड़ने वाली एक दलित एक्टिविस्ट  
(फोटो: द क्विंट)

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

वीडियो प्रोड्यूसर: शोहिनी बोस

दलित एक्टिविस्ट नवदीप कौर को पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने 26 फरवरी को जमानत दी. उन्हें 46 दिन के बाद करनाल जेल से रिहा किया गया. नवदीप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन के समर्थन में मजदूरों का मार्च निकाला. पंजाब (Punjab) के मुक्तसर साहिब से दलित मजदूर अधिकार कार्यकर्ता मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य नवदीप कौर (NodeeppKaur) की कहानी कुछ ऐसी है.

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24 साल की नवदीप हरियाणा के कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में एक अस्थाई मजदूर थीं. फिर लेबर यूनियन का हिस्सा बन मजदूरों के 'बकाया वेतन' के लिए संघर्ष किया.

रूपी कौर के शेयर किए गए वीडियो में नवदीप कह रही है कि किसान और मजदूर लगातार पिछड़ते जा रहे हैं और सरकार उनके हकों को बेच कर खुद का पेट भर रही है.

नवदीप कौर पर मजदूरों के अधिकारों के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में कुल 3 केस दर्ज हैं. पहले केस में उन्हें 11 फरवरी को जमानत मिली थी. 28 दिसंबर को कुंडली में नवदीप और मजूदर अधिकार संगठन के प्रदर्शनकारी श्रमिकों ने मजदूरी की मांग को लेकर इंडस्ट्रियल यूनिट का घेराव किया था.

28 दिसंबर को नवदीप और मजदूर अधिकार संगठन के दूसरे सदस्य जब अपना बकाया वेतन मांगने गए तो उन पर गोली चलाई गई और उल्टा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस कर दिया. बकाया वेतन मांगना जबरन वसूली नहीं.
राजवीर कौर, नवदीप कौर की बहन

12 जनवरी को नवदीप एक और प्रदर्शन में गईं तो उनके सहयोगियों को रोका गया. फिर नवदीप को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर हत्या की कोशिश, दंगा, सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप लगे.

12 जनवरी को जब पुलिस ने मजदूर अधिकार संगठन के टेंट में घुसकर नवदीप को गिरफ्तार किया तो देर रात तक परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई. जब हमें पुलिस कंट्रोल रूम से पता चला कि उसे करनाल जेल भेज दिया गया है तो हमें हमारे हकों के लिए आवाज उठानी पड़ी.
राजवीर कौर, नवदीप कौर की बहन

नवदीप कौर के पुलिस पर आरोप

नवदीप कौर ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उन्हे निशाना बनाया गया, गलत फंसाया गया, गिरफ्तारी के बाद पीटा गया, कस्टडी में यौन उत्पीड़न हुआ.

'कुंडली पुलिस स्टेशन से एक टीम प्रदर्शन स्थल पर आई और मेरे बाल पकड़कर खींचते हुए एक ओर ले गई. फिर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया, पुलिस स्टेशन ले जाकर पीटा गया, जब कोई महिला पुलिस अफसर भी नहीं थी' -हाईकोर्ट को दी जमानत याचिका में नवदीप कौर

नवदीप कौर का दावा है कि उन्हें जेल में पीटा गया वो भी तब जब कोई महिला पुलिसकर्मी वहां मौजूद नहीं थी, उनका कहना है कि उनके प्राइवेट पार्ट्स में चोट के निशान हैं.

गिरफ्तारी के अगले दिन जब मैं उससे मिलने करनाल जेल गई तो उसने मुझे बताया कि उसे पुरुष पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह पीटा. उसके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट के निशान भी थे.
राजवीर कौर, नवदीप कौर की बहन

एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने कौर के आरोपों को बेबुनियाद बताया. 46 दिन जेल में रहने के बाद 26 फरवरी नवदीप को तीसरे केस में भी जमानत मिली.

नवदीप की बहन राजवीर दिल्ली यूनिवर्सिटी से PHD कर रही हैं खुद भी एक्टिविस्ट हैं, उनकी मां स्वर्णजीत भी जेल जा चुकी हैं, उन्होंने महिलाओं पर कथित ऊंची जाति के जमींदारों के जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई थी.

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