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पीएम मोदी ने कहा कि पूरा विश्व मानता है कि 21वीं सदी एशिया की है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती ये है कि हम एशिया के लोग इसे महसूस करते हैं या नहीं. पीएम मोदी तीन दिन की सिंगापुर यात्रा पर हैं. यहां वह नान्यांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में एक सेशन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने ट्रांसफॉर्मिंग एशिया थ्रू इनोवेशन पर जोर दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि समावेशी विकास में टेक्नोलॉजी बहुत मददगार साबित होती है.
पीएम मोदी से जब ये पूछा गया कि क्या चौथे इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन की शुरुआत हो चुकी है, इस पर पीएम ने कहा, मेरा मानना है कि बाधा इंसानी योग्यता और क्रिएटिविटी से जुड़े हो सकती है. उन्होंने कहा, जब कंप्यूटर आया तो लोगों को डर था कि उनकी नौकरियां चली जाएंगी. लेकिन कंप्यूटर ने रोजगार की एक नई दुनिया का सृजन किया.
मोदी ने कहा, टेक्नोलॉजी से लैस समाज सामाजिक अवधारणाओं को तोड़ता है. उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी को सस्ता और यूजर्स के अनुकूल होना चाहिए.
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से मानव विकास के लिए पूर्व सूचना प्राप्त होती है. प्रधानमंत्री ने कहा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनेक फायदों में से एक यह है कि इससे मौसम की बेहतर सटीक भविष्याणी प्राप्त की जा सकती है.
मोदी ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ज्यादा विद्यालयों, बेहतर सड़कों और नए अस्पतालों के स्तर पर विकास संरचनाओं के मानचित्रण में मदद करता है. बातचीत से पहले मोदी ने एनटीयू विश्वविद्यालय का दौरा किया. इस विश्वविद्यालय को एशिया में सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी विद्यालय होने का गौरव प्राप्त है. इससे पहले दिन में मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
(इनपुट: आईएएनएस)
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