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जब नेता अपने कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचता है तो उसे लड्डू तो कभी सिक्कों से तौलने की खबरें आती रहती हैं. लेकिन प्रियंका गांधी के अमेठी दौरे के दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ. दरअसल कार्यकर्ताओं ने प्रियंका को लड्डुओं से तौलने की तैयारी की थी. इसके लिए कार्यकर्ताओं ने तराजू को फूलों से सजा रखा था. लेकिन ऐन मौके पर प्रियंका ने ये कहते हुए तराजू पर बैठने से इंकार कर दिया कि - 'क्या मैं आपको एक क्विंटल की लगती हूं'. बाद में प्रियंका ने इलाके से पूर्व विधायक नूर मोहम्मद के बेटे फतेह बहादुर को तराजू पर बैठने के लिए कहा.
प्रियंका के अमेठी पहुंचने से पहले ही उनके खिलाफ पोस्टर लगा दिए गए थे. प्रियंका के रायबरेली पहुंचने से पहले ही यहां भी उनके खिलाफ पोस्टर लगाए गए. रायबरेली में तिलक भवन स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय के पास सांसद सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधते हुए पोस्टर लगे दिखाई दिए, जिन पर लिखा है, ‘जब जब आई संकट की घड़ी, कबो न महतारी बिटिया दिखाई पड़ी. सेवा के लिए दिहने रहै वोट, लेकिन प्रियंका सोनिया किहिन दिल पर चोट. फिरोज की नातिन रेहान की माई, चुनाव मा मंदिर-मंदिर परी दिखाई।’ हालांकि यह पोस्टर किसने लगवाए हैं, उसका नाम नहीं है.
प्रियंका गांधी को 23 जनवरी को कांग्रेस महासचिव बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इससे पहले के चुनावों में प्रियंका ने खुद को राहुल गांधी और सोनिया गांधी के प्रचार करने तक सीमित रखा था. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद प्रियंका गांधी लोकसभा के चुनावी मैदान में भी उतर सकती हैं. उन्होंने बुधवार को अमेठी में कहा, ‘’मैंने अभी तय नहीं किया है कि चुनाव लड़ना है या नहीं, लेकिन अगर पार्टी चाहेगी कि मैं चुनाव लड़ूं, तो मैं लड़ूंगी.’’
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