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कतर (Qatar) में गिरफ्तार आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा सुनाई गई है. भारत सरकार ने फैसले पर हैरानी जताई और कहा कि वे सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं. इस मामले को लेकर विपक्ष के नेताओं के रिएक्शन भी आने शुरू हो गए हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश, असदुद्दीन ओवैसी, अरविंद केजरीवाल और मनीष तिवारी समेत कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी और भारत सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मामले को लेकर ट्वीट किया और दुख जताया. उन्होंने कहा "कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों से संबंधित अत्यंत दुखद घटनाक्रम का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बेहद दुख, पीड़ा और अफसोस के साथ संज्ञान लिया है. हम आशा और अपेक्षा करते हैं कि भारत सरकार कतर सरकार के साथ अपने राजनयिक और राजनीतिक प्रभाव का जितना अधिक से अधिक हो सके, उपयोग करेगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकारियों को अपील करने में भरपूर सहारा मिले. साथ ही उन्हें जल्द से जल्द रिहा कराने के लिए भी हरसंभव प्रयास किए जाएं."
कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पीटीआई से कहा “7 दिसंबर 2022 को मैंने ये मुद्दा लोकसभा में उठाया था. उस समय ये आठ वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी 120 दिनों तक एकांत कारावास में थे. 26 दिसंबर 2022 को विदेश मंत्री ने एक चिट्ठी लिख कर बताया था कि सरकार इस मामले में क्या कुछ कर रही है, लेकिन स्पष्ट रूप से वह पर्याप्त नहीं था.”
ओवैसी ने अपने ट्वीट में एक वीडियो क्लीप शेयर किया है, जो लोकसभा का है. उसमें वो कह रहे हैं “कुलभूषण यादव पाकिस्तान में बैठा है, आप क्यों नहीं लेकर आते. आप विश्व गुरु-विश्व गुरु कहते हैं. कुलभूषण यादव को भूल गए आप. कतर में आठ नेवी ऑफिसर एक साल से जेल में हैं, आप उन्हें नहीं ला सके.”
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा पर चिंता जताई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा "ये बेहद चिंताजनक और स्तब्ध कर देने वाला मामला है. भारत सरकार को राजनैतिक, कूटनीतिक, कानूनी और किसी भी तरीके से अपने लोगों को बचाना चाहिए."
वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा "ये पूरा मामला रहस्य से भरा है और इसमें पारदर्शिता नहीं अपनाई गई है. उन्हें भरोसा है कि विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री मोदी इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करेंगे और कतर सरकार से उच्चतम स्तर पर बात करेंगे."
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी पूर्व सैनिकों को बचाने की मांग की. उन्होंने कहा "भारत सरकार को इन 8 को दी गई सजा पर अमल होने से पहले मामले में दखल देना चाहिए और उन्हें बचाना चाहिए. जो सुनवाई हुई, वो गोपनीय रखी गई है. इसलिए हमें इस बारे में कुछ नहीं पता."
हालांकि, उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा "लेकिन अगर मोदी तमिलनाडु के गवर्नर को बचा नहीं पाते हैं, डीएमके सरकार से मिल रही चुनौतियों का जवाब नहीं दे पाते हैं तो कतर में हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं."
बता दें कि 30 अगस्त 2022 को पूर्व नौसेना अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले को लेकर अभी तक कतर की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, न ही इस तरह की कोई जानकारी है कि उन्हें किस मामले में गिरफ्तार किया गया है.
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