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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह
नॉर्थ कश्मीर के बारामूला का नाम आप नेशनल मीडिया में ज्यादातर तभी पढ़ते होंगे, जब फौजियों और आतंकियों के बीच कोई एनकाउंटर होता है. लेकिन लोकसभा इलेक्शन से पहले क्विंट की टीम पहुंची है यहां के यंग वोटर से उसके असली मुद्दे पूछने. आखिर वो इन इलेक्शंस के जरिए चाहते क्या हैं?
बारामूला के युवा आखिर किस बात से सबसे ज्यादा खफा हैं. उनके अंदर किस बात की नाराजगी है? जब हमने इस सवाल का जवाब जानना चाहा, तो स्टूडेंट का कहना था:
हाल-फिलहाल कश्मीरियों पर हमले की खबर भी सुर्खियों में रहीं. पुलवामा हमले के बाद से कश्मीरी छात्रों को कई जगह पीटने की खबर आई. वहीं यूपी में कश्मीरी व्यापारी को भी पीटा गया. इस बात को लेकर भी युवा काफी खफा हैं.
युवाओं की शिकायत है कि कोई भी उनकी सुध नहीं लेता. स्थानीय नेता विकास का कोई काम करते नहीं और केंद्र सरकार से उन्हें जितना महत्व मिलना चाहिए, वो मिलता नहीं. इसलिए वो हर मामले में पिछड़ रहे हैं. देश के अन्य हिस्से के लोग भी इनकी समस्याएं नहीं समझ रहे. लोग इन्हें समझने की कोशिश करेंगे, तभी समस्याओं का समाधान होगा.
बारामूला के इन युवाओं को न तो नेताओं पर यकीन है, न ही इलेक्शन पर. इसके बावजूद देशभर में कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमले, घटता एजुकेशन लेवल, बढ़ती बेरोजगारी समेत कई मुद्दे हैं, जिनके साए में युवाओं को अपना भविष्य धुंधला नजर आता है. क्या दिल्ली सुन रही है?
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