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राहुल गांधी ने मोदी सरकार की रफाल डील को एक बार फिर निशाने पर लिया है. राहुल ने लंदन स्कूल इकनॉमिक्स के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ने राफेल डील में अपने उद्योगपति दोस्त को फायदा पहुंचाने के लिए कांट्रेक्ट की शर्तें ही बदल दीं ताकि उनकी कंपनी पर लदा कर्ज खत्म हो जाए. उन्होंने इसका कांट्रेक्ट ऐसे बिजनेसमैन को दिया जिनकी कंपनी को फाइटर प्लेन बनाने का कोई अनुभव नहीं है.
अपने ब्रिटेन के दौरे के दौरान लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में उन्होंने National Indian Students and Alumni Union (UK) के एक प्रोग्राम में कहा कि एक बिजनेसमैन को फायदा देने के लिए रफाल डील की शर्तें बदली गईं. भारत में रफाल बनाने का ठेका हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के हाथ से लेकर एक निजी कंपनी को दे दी गई. जबकि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड 70 साल से विमान बना रही है और उस पर कोई कर्जा नहीं है.
राहुल गांधी रफाल डील को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं. संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी उन्होंने सरकार को इस मुद्दे पर घेरा था. उन्होंने कहा था कि फ्रांस के साथ सरकार ने ज्यादा कीमत पर रफाल डील की और इसका फायदा एक बिजनेसमैन को मिला.
राहुल ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी पर 45 हजार करोड़ रुपये की कंपनी है. उनकी कंपनी को विमान बनाने का बिल्कुल अनुभव नहीं है. लेकिन उनकी कंपनी को भारत में विमान बनाने का ठेका मिल गया. यह दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस कांट्रेक्ट में से एक है और सौदे से एक सप्ताह पहले उन्हें इसका ठेका दे दिया गया. यह हैरान करने बात है. भ्रष्टाचार की यह दिलचस्प दास्तान है.
राहुल के इस आरोप के बाद अनिल अंबानी की कंपनी ने कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा है और उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से बाज आने को कहा है. अंबानी ने हाल में राहुल गांधी को चिट्ठी लिख कर अपनी कंपनी के खिलाफ कथित दुष्प्रचार रोकने को कहा है. उन्होंने लिखा है कि उनकी कंपनी के खिलाफ कांग्रेस के नेता गुमराह करने वाली खबरें फैला रहे हैं. कांग्रेस अपने स्वार्थ और विरोधी कंपनियों के बहकावे में आकर ऐसा कर रही है.
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पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने रफाल डील पर आक्रामक रुख अपनाया है. चिदंबरम ने डील पर पब्लिक डिबेट और डीटेल जांच की मांग की है. कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखते हुए चिदंबरम ने कहा, सरकार ने सुरक्षा डील के सभी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया. साथ ही कैबिनेट कमेटियों को बायपास कर डील साइन हुई है.
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