राहुल गांधी बोले- जजों के उठाए सवाल बेहद अहम

‘जस्टिस लोया के परिवार का मानना है कि उनकी मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई’

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यह लोकतंत्र के लिए खतरा है. मुझे लगता है कि इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
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यह लोकतंत्र के लिए खतरा है. मुझे लगता है कि इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
(फोटो: PTI)

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सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के उठाए मुद्दों को ‘बेहद गंभीर' बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जस्टिस लोया मामले की जांच होनी चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जो पॉइंट उठाये हैं, वे बेहद गंभीर हैं. उन्होंने (जजों ने) कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरा है. मुझे लगता है कि इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए.’’

उन्होंने जस्टिस लोया का मामला उठाया, जिसकी जांच कराये जाने की जरूरत है. इसे सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष स्तर पर गौर किये जाने की जरूरत है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यह अभूतपूर्व है. मुझे लगता है कि वे सभी नागरिक, जो न्याय और सुप्रीम कोर्ट में विश्वास करते हैं, वे सभी इस मामले को देख रहे हैं.
राहुल गांधी, अध्यक्ष, कांग्रेस

इस मुद्दे पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की ओर से एक लिखित बयान पढ़ा जिसमें कहा गया कि जजों ने जो टिप्पणियां की हैं और जो मुद्दे उठाये हैं, वे ‘बहुत परेशान' करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों ने दो मुद्दों को उठाया:

1. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम रूप दिये गये मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर पर भारत सरकार की लम्बी चुप्पी.

2. सुप्रीम कोर्ट में मामलों का आवंटन. जजों ने मामलों को सौंपे जाने के बारे में कहा है कि यह बिना किसी तर्क के आधार अपनी पसंद की बैंचों को चुनिंदा तरीके से दिया जा रहा है.

जजों ने संवाददाता सम्मेलन में मीडिया के एक सवाल के जवाब में जस्टिस लोया की मौत के बारे में जनहित याचिका का जिक्र किया.

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‘जस्टिस लोया के परिवार का मानना है कि उनकी मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई’(फोटो: PTI)

जस्टिस लोया के परिवार का मानना है कि उनकी मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई. बयान में कहा गया कि कांग्रेस पार्टी इस घटनाक्रम से बहुत व्यथित है. देश में न्यायपालिका का बहुत सम्मान है तथा लाखों लोग न्याय पाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं. मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर को अंतिम रूप नहीं दिये जाने के कारण जजों के स्वीकृत पदों में से करीब 40 प्रतिशत खाली हैं. इसके चलते न्याय में देर हो रही है.

कांग्रेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण अदालत को इन चारों जजों के उठाये गये मुद्दों पर गौर करना चाहिए और न्यायपालिका की परंपराओं के अनुरूप समाधान निकाला जाना चाहिए.

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