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"राहुल गांधी कभी BJP और RSS से कॉम्प्रोमाईज नहीं करेंगे. इसलिए हम उनके साथ आये हैं". ये शब्द हैं गुजरात के वडगाम विधानसभा से इंडिपेंडेंट विधायक और ताजा ताजा कांग्रेस से जुड़े युवा दलित नेता जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) के.
क्विंट से खास बातचीत में जिग्नेश ने अपने राजनीतिक भविष्य, कांग्रेस पार्टी में क्यों शामिल हुए से लेकर JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद पर खुलकर अपनी बात रखी.
अपने इंटरव्यू में जिग्नेश ने कहा,
जब जिग्नेश से हमने कांग्रेस छोड़कर BJP और दूसरी पार्टी जाने वाले नेताओं के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि "जिसे जाना है वो जाएगा, इसपर हम कुछ नहीं कह सकते, लेकिन कांग्रेस से लोगों को जोड़ना है. जो आ रहे हैं उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना है, सब लोग साथ मिलकर महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा पर सवाल करेंगे. इन सवालों पर राजनीतिक मैदान बनाएंगे."
जिग्नेश मेवानी ने राहुल गांधी से हुई उनकी बात का जिक्र करते हुए कहा कि हमने कोई मांग नहीं रखी है लेकिन हां हमें काम करने की आजादी मिले, गुजरात और बाकी देश मे भी काम करूंगा. मुझे काम करने को लेकर फ्रीडम की जो बात है उससे कोई दिक्कत नहीं है. हां, आप जब किसी भी नई जगह जाते हैं तो संघर्ष का समय होता है तो हमारा भी वही समय है. बाकी सबके साथ मिलकर काम करना है. अभी हमारी टीम में हार्दिक है, कन्हैया है और आने वाले दिनों में और भी लोगों को जोड़ूंगा.
पिछले दो दिन से जब कन्हैया और जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस में शामिल होने की खबर चली है तब से सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहा है कि कन्हैया और जिग्नेश का राजनीतिक करियर सेट हो गया लेकिन उमर खालिद को किनारा कर दिया गया.
इस सवाल के जवाब में जिग्नेश मेवानी कहते हैं,
इसी साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में जब क्विंट ने जिग्नेश से चुनाव प्रवचार को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मेरा फोकस गुजरात पर है. वहां भी चुनाव है."
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