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राजस्थान: ‘आजादी आएगी’ नारे के साथ वसुंधरा के आगे उतरे मानवेंद्र

‘आजादी आएगी’ नारे के साथ वसुंधरा के सामने ताल ठोक रहे हैं मानवेंद्र सिंह

क्विंट हिंदी
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राजस्थान: ‘आजादी आएगी’ नारे के साथ वसुंधरा के आगे उतरे मानवेंद्र
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राजस्थान: ‘आजादी आएगी’ नारे के साथ वसुंधरा के आगे उतरे मानवेंद्र
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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मानवेंद्र सिंह ने न सिर्फ बीजेपी का साथ छोड़ दिया है बल्कि उन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनाव में सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला भी किया है. राजस्थान के जिला झालावाड़ में क्विंट ने मानवेंद्र सिंह से खास बातचीत की है. मानवेंद्र सिंह झालरापाटन सीट से राजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और राजे ये सीट लगातार 3 बार जीतती आई हैं.

मानवेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे हैं. जसवंत सिंह को भारतीय जनता पार्टी का फाउंडिंग मेंबर होने के बावजूद उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी से टिकट नहीं दिया था.

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पहला सवाल ये है कि वसुंधरा राजे लगातार तीन चुनाव से जीतती आ रही हैं, उनका वोट मार्जिन पहले चुनाव से तीसरे चुनाव में 27,000 से बढ़कर 61,000 हो गया है, इसपर आप क्या कहेंगे?

मुझे लगता है कि हर चुनाव एक अलग परिस्थिति में होता है, खासतौर से 2018 में राजस्थान की राजनीति ने काफी मोड़ लिया है.एक खास तरह के शासन के खिलाफ लहर है, जो राज्य भर में साफ तौर से नजर आ रहा है.

क्या आप के लिए बाड़मेर से खड़ा होना बेहतर नहीं था? यहां आप किसी ऐसी शख्सियत के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं जिसकी यहां 30-35 साल तक राजनीतिक विरासत रही है और जो लगातार तीन चुनावों से विधायक रहा है?

निश्चित रूप से बाड़मेर से खड़ा होना बेहतर होगा, लेकिन मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं. चुनाव नहीं चाहता तो ये सवाल मुझसे इतना जुड़ा हुआ नहीं है. गाॅडफादर मूवी का डायलाॅग - “Make an offer I can not refuse.” की तरह उन्होंने मुझे ऐसा आॅफर दिया जिसे मैं न नहीं कह सका.

आप कई दूसरी सीटों से खड़े हो सकते थे जहां सत्ता विरोधी  लहर थी और जहां के नेता इतने मजबूत नहीं थेलेकिन आपको यहां से खड़ा किया गया जहां से आपके हारने के चांस ज्यादा हो सकते हैं?

निश्चित रूप से, मैं इसे लेकर यथार्थवादी हूं. मैं रिजल्ट्स को लेकर नहीं सोच रहा, मैं स्थिति को लेकर यथार्थवादी हूं

ये आपके लिए मुश्किल रहा होगा जब जसवंत सिंह को 2014 लोकसभा चुनावों के लिए टिकट नहीं दिया गया, ये मेवाड़ के राजपूतों के लिए अच्छा नहीं था. क्या आपको लगता है कि अगर आप  हार जाते हैं, तो भी आप राजनीतिक खेल में बने रह पाएंगे?

बेशक, बना रहूंगा. हर जगह से सद्भावना की लहर आ रही है

अगर आपको मुझे कोई एक नारा बताना हो तो वो क्या होगा?

झालावाड़ के लिए? मेरा नारा ‘आजादी आएगी’ होगा

राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव होने हैं, कहा जा रहा है कि इस बार राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है.

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