Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना मौतों पर संसद में भावुक हुए मनोज झा, गंगा में बहती लाशों से मांगिए माफी

कोरोना मौतों पर संसद में भावुक हुए मनोज झा, गंगा में बहती लाशों से मांगिए माफी

राज्यसभा में मनोज झा ने कोरोना पर सरकारों को दिखाया आईना

क्विंट हिंदी
न्यूज वीडियो
Updated:
<div class="paragraphs"><p>राज्यसभा में आरजेडी सांसद मनोज झा</p></div>
i

राज्यसभा में आरजेडी सांसद मनोज झा

(फाइल फोटो)

advertisement

मानसून सत्र के दूसरे दिन आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने अपनी बात रखते हुए, कोरोना से मरने सभी लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होने कहा कि कोरोना के प्रकोप में देश के तमाम परिवारों ने किसी अपने को खोया है. उन्होंने कहा,

"हम सबको एक साझा माफीनामा उन लोगों को भेजना चाहिए जिनकी लाशें गंगा में तैर रहीं थी"
मनोज झा

मनोज झा बोले- ये सभी सरकारों की नाकामी

सदन में अपनी बात रखते हुए मनोज झा ने अपने जानने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इन दोनों सदनों के नेताओं ने अपने जानने वालों को खोया है. उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि हमने इस कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई मौतें देखी है. उन्होंने कहा कि हम आंकड़ों की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि सच्चाई से रूबरू होकर यह कहना चाहते हैं कि ये जो लोग हमारे बीच से आज चले गए, वो एक जिंदा दस्तावेज छोड़कर गए हैं, हमारी नाकामी का, उन्होंने कहा कि यह कलेक्टिव फेल्योर है 1947 से लेकर अब तक की सभी सरकारों का.

मुक्त वैक्सीन पर भी तंज कसते हुए झा ने कहा कि यह मुफ्त राशन, मुक्त वैक्सीन की बात जो हो रही है, यह कुछ मुफ्त नहीं है, इसका एक स्टेज है इस वेलफेयर स्टेट का एक कमिटमेंट है, उसको सरकार कम ना करे, उसे बौना ना बनाए.

राइट टू वर्क पर काम करे सरकार

मनोज झा ने कहा कि, यह कोरोना हमारे लिए चैलेंज है, हमें राइट टू हेल्थ की बात करनी चाहिए, स्वास्थ्य के अधिकार को राइट टू लाइफ के साथ ऐड करिए. सरकार को राइट टू वर्क पर काम करने की जरूरत है. इस कोरोना में बहुत सारे लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया. मैंने काफी बार सदन में अपनी बात रखी है, पर मेरी एक ना सुनी गई, जब एक सांसद की नहीं सुनी जाती है तो आम आदमी के दर्द को कैसे सुना जाएगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

झा ने कहा कि कोरोना का बीता हुआ कल नाइटमेयर की तरह लगता है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के उस भयानक समय को कुछ लोग सिस्टम की नाकामी बता रहे हैं. वह सिस्टम की नहीं बल्कि उसके पीछे की संरचना जिसके दम पर सिस्टम चलता है, वह सरकारें फेल हैं.

मनोज झा ने कहा, "मैं चाहता हूं, जगाना चाहता हूं आपको भी और सभी को भी, क्योंकि हमने असम्मानजनक मौत को देखा है और अगर हमने इसे दुरुस्त नहीं किया तो आने वाली पीढ़ी आप हमें माफ नहीं करेगी."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 20 Jul 2021,10:40 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT