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दिल्ली के शाहीन बाग में CAA, NRC, NPR के खिलाफ महिलाएं एक महीने से धरने पर बैठी हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहीं इन महिलाओं पर बीजेपी के IT सेल आरोप लगा रही है कि ये महिलाएं पैसे लेकर धरना पर बैठीं हैं. लेकिन इस आरोप पर महिलाओं का कहना है कि वे बच्चों के भविष्य के लिए धरने पर बैंठी हैं न कि पैसों के लिए.
एक ‘दादी’ शाहीन बाग प्रदर्शन में पहले ही दिन से धरने पर बैठीं हैं. दादी से क्विंट ने जब पूछा कि वह एक महीने से शाहीन बाग में धरने पर बैठीं है तो अब उनका आगे क्या प्लान है, तो दादी ने कहा, "सीएए और एनआरसी को हटाने का हमें लिखित में जवाब चाहिए. इसके बाद धरना देना छोड़ देंगे.”
शाहीन बाग में महिलाओं के बीच एक जामिया की छात्र ने पैसा लेने के आरोपों को लेकर कहा कि अगर किसी दिन उनके घर की मां और बहनें अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे तो क्या उन पर भी वह पैसे लेने का आरोप लगाएंगे. यहां प्रदर्शन करनेवाली महिलाएं भारत की मां और बहनें है तो इन पर ये आरोप न लगाएं.
शाहीन बाग रोड एक महीने से बाधित है और लोगों को परेशानी हो रही है, इस पर एक प्रदर्शनकारी महिला कनीष फातिमा ने कहा, यहां सभी लोग रोड की समस्याओं से जूझ रहे हैं. लेकिन हमारी समस्या को देखने वाला कौन है? हम लोग इस देश में रहते हैं तो फिर हम इसे साबित करने की जरूरत क्यों है? हम लोग यहां सारे काम छोड़कर बैठे हैं लेकिन इसके बारे में सोचने के लिए कोई तैयार नहीं है.
बता दें, कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड पर धरना प्रदर्शन होने की वजह से नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाली इस सड़क को नोएडा यातायात पुलिस ने बंद कर रखा है. दिल्ली पुलिस ने 17 जनवरी को प्रदर्शनकारियों से अपील की थी कि वे शाहीन बाग रोड को खाली कर दें, क्योंकि दिल्ली एनसीआर में रहनेवाले लोगों को परेशानी हो रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को सिटी पुलिस को व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड पर यातायात प्रतिबंधों पर गौर करने का निर्देश दिया था. कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस ने इस व्यस्त सड़क को खाली कराने के लिए लोगों को समझाने का काम कर रही है. और लोगों को सड़क खाली करने की अपील कर रही है.
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