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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज, विशाल कुमार
“सरकार या तो हमें समझती नहीं है या वे हमें अनदेखा कर रही है.”
सूरत में फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक जीरावला निराशा के साथ ये बात हमसे कहते हैं. इस साल अर्थव्यवस्था पर मंदी की मार ने दिवाली की चमक फीकी कर दी है. भारत में कपड़ा और हीरा दोनों के लिए सबसे बड़ा केंद्र सूरत, गंभीर मंदी का सामना कर रहा है, क्योंकि मांग में गिरावट आई है. इस बार दिवाली का मौसम पिछले सालों की तरह बम्पर बिक्री वाला मौसम नहीं है.
द क्विंट ने शहर भर के व्यापारियों के साथ बातकर ये समझने की कोशिश की कि आखिर क्यों इस साल दिवाली की चमक फीकी पड़ गई, व्यापार में मंदी के क्या कारण रहे.
चीन सूरत के कपड़ा उद्योग के लिए एक संकट बना हुआ है.
अशोक जीरावला के मुताबिक, सरकार ने चीनी आयात पर 20 प्रतिशत एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया, फिर भी चीन भारतीय कानूनों और टैक्स नियमों को दरकिनार करने में कामयाब रहा.
सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी पुरुषोत्तम अग्रवाल कहते हैं, टेक्सटाइल इंडस्ट्री के सामने एक और प्रमुख मुद्दा लिक्विडिटी की कमी है क्योंकि भुगतान काफी देरी से हो रहा है.
इसके अलावा बिहार में बाढ़, जम्मू कश्मीर में शटडाउन और जीएसटी के कारण भी बाजार मंदा पड़ा हुआ है. देखिए पूरी वीडियो रिपोर्ट.
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