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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
कोरोना वायरस महामारी की मार देशभर में जारी है. साथ ही इससे बचने के लिए सरकार ने 24 मार्च से ही लॉकडाउन घोषित किया है, जिसकी आगे बढ़ाए जाने की भी संभावना दिख रही है. लॉकडाउन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी मजदूरों का दर्द सामने आया. शहरों में काम बंद होने से ये मजदूर अपने-अपने गांव-कस्बों की तरफ वापस जाने को मजबूर दिखे.
लॉकडाउन से गुजरात के सूरत का टेक्सटाइल कारोबार भी मुसीबत में है. इसकी वजह से 20-25 लाख लोगों का रोजगार खतरे में आ चुका है. अब ऐसे में इंडस्ट्री के लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
प्रतिभा इंडस्ट्री के एमडी प्रमोद चौधरी ने द क्विंट से बातचीत में कहा है कि सूरत की इंडस्ट्री को खुलने में समय लगेगा जिससे सूरत के करीब 20 से 25 लाख मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है.
प्रमोद चौधरी का कहना है कि इस संकट के समय में बैंक से कर्ज लेना या मार्केट से पैसे लेना बहुत मुश्किल है. लॉकडाउन की वजह से कई प्रवासी मजदूर घर गए हैं और कई यहीं फंसे हैं, लॉकडाउन खुलने के बाद ये हो सकता है कि शहर में फंसे हुए मजदूर अपने-अपने घर को लौटने लगे और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अगर इंडस्ट्री शुरू भी होती है तो सभी मजदूरों को वापस आने में काफी समय लग जायेगा.
टेक्सटाइल इंडस्ट्री को त्योहार या शादी के सीजन में फायदा होता है. ये सीजन होता है मई से जून का, जिसकी तैयारी अभी से शुरू हो जाती है लेकिन अब ये सीजन हाथ से जा चुका है.
अब प्रमोद चौधरी कहते हैं कि अगर लॉकडाउन जल्दी हटता है और कोरोना की समस्या को कंट्रोल जल्द से जल्द कर लिया जाता है तो दिवाली तक उम्मीद है कि नुकसान कम होगा और इंडस्ट्री को थोड़ा संभलने का मौका मिलेगा. उनका कहना है कि अभी अगर कोई इंडस्ट्री को बचा सकता है तो वो है सरकार. प्रमोद का कहना है किमजदुरों को सैलरी देने में सरकार की मदद चाहिए, इंडस्ट्री की वर्किंग कैपिटल भी खत्म हो चुकी है यानी अब बैंक से हमें लोन लेना होगा अगर वो जल्द से जल्द हमें लोन देते है और अभी उसका मार्जिन 10% है अगर उसे बढ़ाकर 20-25% कर दिया जाता है तो इंडस्ट्री की काफी मदद होगी.
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