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राम मंदिर निर्माण को लेकर VHP ने 26 नवंबर को अयोध्या में धर्म सभा का आयोजन किया था. इस मौके पर क्विंट ने अयोध्या के संतों और अयोध्या के स्थानीय लोगों से राम मंदिर निर्माण पर बातचीत की और ये जानना चाहा कि आखिर वो अयोध्या राम मंदिर और इस धर्म सभा पर क्या राय रखते हैं.
2019 चुनाव नजदीक है, ऐसे में राम मंदिर के मुद्दे को VHP और हवा देने की कोशिश कर रही है. 26 नवंबर को VHP के धर्म सभा कार्यक्रम में देशभर से कई कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचे. लेकिन इलाके के कई साधु-संतों ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली. उनका कहना है कि ये धर्म सभा नहीं है और चुनाव करीब आने के कारण बीजेपी-आरएसएस-वीएचपी राम मंदिर के मुद्दे पर एक बाद फिर राजनीति कर रही है.
अयोध्या के महंत परमहंस दास ने सरकार को राम मंदिर निर्माण को लेकर ये चेताया है कि बीजेपी सरकार अगर चुनाव से पहले इस मुद्दे पर कोई संज्ञान नहीं लेती है तो वो आत्मदाह करेंगे. उनका कहना है,
स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव करीब आने के कारण ही ये सब हो रहा है. कई सालों से लोग राम मंदिर निर्माण पर हो रही राजनीति को करीब से देख रहे हैं. अयोध्या के विकास श्रीवास्तव बताते हैं कि यो यहां 50 सालों से रह रहे हैं लेकिन अब इस मामले में काफी देर हो चुकी है, अब बिना आपसी समझौते के कुछ भी अयोध्या में मुमकिन नहीं है.
अयोध्या के साधु राम जन्म दास बताते हैं कि VHP की धर्म सभा में सिर्फ चुनिंदा संतों को ही बुलाया गया है. और 'VHP धर्म सभा नहीं अधर्म सभा कर रही है'. राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास कहते हैं कि उन्हें धर्म सभा में इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वो सही बात कहते हैं और कुछ लोगों को ये पसंद नहीं है.
अयोध्या के महंत परमहंस दास का बीजेपी पर आरोप है कि बीजेपी मामले को भुनाकर 2019 के चुनाव में जितना चाहती है. क्विंट से खास बातचीत में उन्होंने कहा है कि बीजेपी धर्माचार्यों से राम मंदिर का मुद्दा गर्म करते-करते आचार संहिता लगा कर लोगों को वोट देने के लिए मजबूर कर चुनाव जितना चाहती है.
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