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15 अगस्त को नागपुर पुलिस ने शहर के 200 साल पुराने रेड लाइट एरिया 'गंगा जमुना' की ओर जाने वाली सड़कों को सील कर दिया. जिसके बाद प्रतिबंध (Sealing) का विरोध करते हुए हजारों सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) सड़कों पर उतर आए. फिलहाल, पुलिस ने इलाके में धारा-144 लागू कर दी है.
लगभग एक हफ्ते बाद, पुलिस ने अनैतिक ट्रैकिंग रोकथाम अधिनियम (Prevention of Immoral Tracking Act) के तहत क्षेत्र में वैश्यावृत्ति पर प्रतिबंध लगा दिया. क्षेत्र की सेक्स वर्कर्स प्रतिबंध को वापस लेने की मांग कर रही हैं, उनका कहना है कि इससे न केवल उनकी आजीविका बल्कि उनके बच्चों का भविष्य भी प्रभावित होगा.
क्षेत्र के अन्य लोगों का कहना है कि, जब क्षेत्र में यौनकर्मी दो शताब्दियों से अधिक समय से अपने काम में लगे हुए हैं. तो अब प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?
नागपुर पुलिस के अनुसार, पिछले 10 दिनों में इस क्षेत्र में 109 नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया है. इसलिए पुलिस को वैश्यावृत्ति पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
जबकि, सेक्स वर्कर्स का कहना है कि बाल यौन शोषण (Child Sex Allegations) के आरोपों की जांच होनी चाहिए, लेकिन उन्हें अपना काम जारी रखने दिया जाना चाहिए.
सेक्स वर्कर्स प्रतिबंध को सिर्फ हटाने की मांग कर रही हैं. अगर उनके लिए नहीं, तो उनके बच्चों के लिए.
एक अन्य सेक्स वर्कर ने कहा कि, "यहां सेक्स वर्क 200 से अधिक वर्षों से एक पेशे के रूप में हो रहा है. उस समय पुलिस और सरकार कहां थी?"
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