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ये जो इंडिया है ना..यहां मैरिटल रेप अपराध होना ही चाहिए. ऐसा नहीं होता है तो ये भारतीय महिलाओं का अपमान है.
शादी का मतलब ये है नहीं कि एक महिला जिंदगी भर पति से सेक्स के लिए सहमत है. दरअसल अगर हमें शादी नाम की संस्था का सम्मान करते हैं तो जबरन सेक्स, मैरिटल रेप को शादी का दुरुपयोग माना जाना चाहिए.
अगर पत्नी ये नहीं तय कर सकती कि उसे कब सेक्स करना चाहती है या नहीं करना चाहती है तो ये बराबरी का रिश्ता नहीं हुआ, और शादी बराबरी का रिश्ता होना चाहिए.
अगर भारतीय कानून महिलाओं को सेक्स के मामले में फैसला लेने की इजाजत देते हैं तो विवाह से जुड़े कानून भी इसके तहत आने चाहिए, क्योंकि इसी शादी के तहत हमारे देश में लगभग सारे शारीरिक संबंध बनते हैं.
ये बहाना कि इससे झूठे आरोप लगाए जाएंगे, बेमानी है. मर्डर के भी झूठे आरोप लगाए जाते हैं, तो क्या मर्डर को अपराध न मानें? जाहिर है हम ऐसा नहीं करेंगे.
ये जो इंडिया है ना, यहां जब तक मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना जाएगा, एक औरत, एक पत्नी दोयम दर्जे की नागरिक होगी, और ये सही नहीं है
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