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फेस्टिवल लोन, LTC कैश वाउचर- खोदा पहाड़ निकली चुहिया?

12 अक्टूबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए दो अहम घोषणाएं थी

ईश्वर रंजना
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12 अक्टूबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए दो अहम घोषणाएं थी
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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

सरकार ने मार्च-अंत तक 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का टारगेट रखा, नए LTC वाउचर और फेस्टिवल एडवांस का हुआ ऐलान- ये इंडियन एक्सप्रेस का कहना है.

टाइम्स ऑफ इंडिया का कहना है कि "सरकार 37,000 करोड़ रुपये करेगी खर्च, फेस्टिव डिमांग को बढ़ाने के लिए SoP जारी"

लेकिन बिजनेस स्टैंडर्ड ने निर्मला सीतारमण के फेस्टिवल स्टीमुलस का सार बता दिया, अखबार का कहना है- ''Nirmalanomics: Demand gain without fiscal pain".

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दरअसल, 12 अक्टूबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चरमराई अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई तरह के ऐलान कर डाले. इन ऐलान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए दो अहम घोषणाएं थी- वो हैं फेस्टिवल एडवांस स्कीम और एलटीसी स्कीम.

लेकिन सवाल ये है कि क्या सरकार सिस्टम में इतने पैसे पंप कर रही है? जब आप इन स्कीम्स को बारीकी से समझेंगे तो ये पता चलेगा कि कर्मचारियों को असलियत में कुछ ज्यादा हासिल नहीं हो रहा है. अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार के ये ऐलान नाकाफी हैं और ये स्कीम्स अपने आप में कॉम्प्लेक्स और कर्मचारियों को निराश करने वाली हैं,

अब मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं इसे समझने के लिए जरा इसे बारी-बारी से समझते हैं.

LTC स्कीम क्या है?

इसे समझने के लिए, मैं आपको एक बेसिक मैथ्स की प्रॉब्लम देता हूं- अगर एक दुकानदार आपको कहता है कि 100 रुपये का एक बिस्कुट का पैकेट खरीदिए और आपको उस पर 30 रुपये का टैक्स देना होगा. लेकिन 30 रुपये का टैक्स माफ कर दिया जाएगा अगर आप 300 रुपये की दूसरी चीजें खरीदते हो. ऐसे में आप क्या करेंगे? क्या आप 30 रुपये का टैक्स बचाने के लिए अपनी जेब से 200 रुपये खर्च करोगे?

बस LTC में यही होने वाला है.

केंद्रीय कर्मचारियों को चार साल में 2 जगहों पर जाने के लिए लीव ट्रेवल कंसेशन मिलता है. हवाई या फिर रेल यात्राओं के किराए का रीइंबर्समेंट कर्मचारी की पे स्केल के हिसाब से तय होता है. वित्त मंत्री के मुताबिक, कोरोना वायरस संकट की वजह से कई सारे कर्मचारी ट्रैवल नहीं कर पाएंगे और LTC का फायदा नहीं ले पाएंगे इसलिए LTC स्कीम में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं

2018-21 में एक LTC के बदले कर्मचारियों को कैश पेमेंट मिलेगा, भले ही उन्होंने असल में यात्रा न की हो. लीव एनकैशमेंट का भी पूरा पेमेंट किया जाएगा और किराए का भी भुगतान कर्मचारी के क्लास के मुताबिक किया जाएगा.

यहां पर पेंच है

अब देखिए यहां पर एक दिक्कत है! इस स्कीम को लेने वाले कर्मचारी को 31 मार्च 2021 से पहले इस पैसे से LTC फेयर की तीन गुना कीमत के गुड्स और सर्विसेज खरीदने होंगे. ये पैसा उन सामानों पर खर्च किया जाना है, जिन पर GST 12% या उससे ज्यादा है जैसे कि टीवी, फ्रिज.

उदाहरण के लिए, मान लीजिए मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं जिसे 50,000 रुपये की LTC मिलेगी और मैं अपनी इनकम के मुताबिक 30% टैक्स स्लैब में आता हूं. मेरे LTC पर 30% के हिसाब से टैक्स होगा 15,000 रुपये. मेरे पास विकल्प क्या हैं?

  • मैं अपने ट्रेवल के टिकट दिखाकर उसे टैक्स-फ्री अलाउंस के तौर पर क्लेम करूं. अगर मैं ट्रेवल नहीं करता हूं और टिकट नहीं दिखा सकता, तो मुझे 15,000 रुपये टैक्स के देने होंगे.
  • अगर मैं 15,000 टैक्स का नहीं देना चाहता, तो मुझे 50,000 का तीन गुना यानी कि 1.5 लाख की ऐसी चीजें खरीदनी होंगी, जिन पर GST 12% या उससे ज्यादा है और फिर बिल दिखा कर क्लेम करूं. सिर्फ डिजिटल पेमेंट मंजूर होगा और कर्मचारियों को GST इनवॉइस देनी होगी.

कहानी से क्या सीख मिलती है? LTC पर टैक्स बचाने के लिए अगर आप कोरोना वायरस महामारी की वजह से कहीं ट्रेवल नहीं कर पाते हैं, तो आपको तीन गुना पैसा खर्च करना होगा. ये स्कीम उन लोगों के लिए ठीक है, जिनके पास त्योहारों से पहले खर्च करने के लिए इस तरह की बचत है. लेकिन जब ये देखा जाए कि ये साल सैलरी में कटौती और कमाई के मामले में अच्छा नहीं रहा है, तो आप कुछ कह नहीं सकते! और फिर हम सब जानते हैं कि कंपनियों में कर्मचारी किस तरह फेक इनवॉइस जनरेट कर लेते हैं.

LTC स्कीम से सरकार को कैसे फायदा होगा?

इस योजना के जरिए सरकार को उम्मीद है कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों से ही करीब 19,000 करोड़ की एडिशनल डिमांड बनेगी. और अगर 50% राज्य सरकारों के कर्मचारियों ने ये स्कीम ली, तो और 9,000 करोड़ आएंगे.

फेस्टिवल एडवांस स्कीम क्या है?

दूसरा है फेस्टिवल एडवांस स्कीम. सरकार ने 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे समाप्त कर दिया था... फिर 31 मार्च 2021 तक फेस्टिवल एडवांस को बहाल कर दिया है.

इसके तहत, सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त एडवांस मिलेगा, जिसे सरकार वेतन से 10 किस्तों में वसूल करेगी

यहां पर पेंच है

एडवांस प्री-लोडेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा. ये पैसे एटीएम से नकद के रूप में नहीं निकाली जा सकती, लेकिन कहीं भी खर्च की जा सकती है

फेस्टिवल एडवांस सरकार की कैसे मदद करेगा?

सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के तहत कम से कम 4,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं और अगर सभी राज्य एक समान एडवांस देते हैं, तो 8,000 करोड़ रुपये के डिस्बर्स होने की संभावना है. इससे दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों से पहले कंजंप्शन डिमांड बढ़ने की उम्मीद है.

जब आप इन दोनों योजनाओं को देखते हैं, तो ये आंकड़े बहुत बड़े लगते हैं और इसलिए ये सुर्खियों में हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से बहुत ही कम खर्च है. सरकार मूल रूप से जो कर रही है, वो आपको उसके खजाने से एडवांस के रूप से दे रही है ताकि बाद में उसे वसूल किया जा सके या आपको अपनी बचत से अधिक खर्च करके टैक्स को बचाने की पेशकश की जा सके.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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