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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहीम
प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी, मैत्रेयी रमेश
कैमरा: अभिषेक रंजन
देश के पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता पी चिदंबरम का मानना है कि देशभर में हो रहे प्रदर्शनों को सिर्फ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उठा गुस्सा समझने की भूल नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये तो सिर्फ एक वजह है. चिदंबरम का ये भी कहना है कि राज्यों में जो कांग्रेस की जीत हो रही है वो उसके पीछे कांग्रेस को सपोर्ट से ज्यादा बीजेपी का विरोध है. क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से खास कार्यक्रम राजपथ में बातचीत के दौरान चिदंबरम ने देश की माली हालत से लेकर सियासत तक बात की.
पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर कहा है कि वो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए कोई सुझाव नहीं देना चाहते. चिदंबरम का कहना है कि सीतारमण किसी की बात नहीं सुनतीं हैं. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, "संसद में विपक्ष कुछ पॉइंट्स उठाता है, सुझाव देने की कोशिश करता है, लेकिन सीतारमण विपक्ष की बातों पर या सुझावों पर ध्यान नहीं देती हैं. उन्हें विपक्ष की बात में कुछ ठीक नहीं लगता है."
अर्थव्यवस्था पर चिदंबरम ने आगे कहा है कि सरकार ने अगर अभी कुछ नहीं किया तो आगे और तकलीफ आ सकती है, लेकिन अभी सिर्फ 2020 की बात करें तो ये बर्बाद हो गया है. अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार के उठाए गए कदम को लेकर चिदंबरम बोले, "12 उद्यमियों के साथ बैठक काफी देर से की गई. 2020-2021 वित्त वर्ष की बात करें तो सरकार अभी कदम उठाएगी तो इसका असर भी 6 महीने बाद दिखेगा."
CAA के सवाल पर पी चिदंबरम ने कहा है कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि लोग अपनी असहमति जता रहे हैं. उन्होंने कहा, "लोग धर्म, जाति और भाषा के परे साथ खड़े हैं और समानता के अधिकार की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं."
चिदंबरम ने कहा है कि मोदी सरकार मैक्रो-इकनॉमिक्स नहीं समझती है और उसे सुझावों के लिए लोगों को हायर करना चाहिए.
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