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फकीर से चौकीदार तक: साल 2018 में PM मोदी के भाषण के कई रंग एक साथ 

से में देखते हैं साल 2018 में पीएम मोदी के कुछ भाषणों की झलकियां.

देबायन दत्ता
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फकीर से चौकीदार तक: साल 2018 में PM मोदी के भाषण के कई रंग एक साथ
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फकीर से चौकीदार तक: साल 2018 में PM मोदी के भाषण के कई रंग एक साथ
(फोटो: द क्विंट)

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण हमेशा से दमदार और लच्छेदार होते हैं. साल 2018 में भी पीएम मोदी ने एक के बाद एक कई रैलियों में, संसद में और विदेश में भी अपनी इस क्षमता का जबरदस्त इस्तेमाल किया. इस दौरान पीएम ने संसद में विपक्ष पर हमले से लेकर विदेशी जमीन से पाकिस्तान को लताड़ भी लगाई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 'नामदार' का नाम देने जैसे कई नए शब्दों के मायने भी गढ़े. हालांकि, कुछ मौकों पर उनसे फैक्ट्स की गलतियां भी हुईं. ऐसे में देखते हैं साल 2018 में पीएम मोदी के कुछ भाषणों की झलकियां.

(फोटो: द क्विंट)
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स्पेस में तिरंगा फहराने का वादा

हमारे देश ने सपना देखा है कि आजादी के 75 साल यानी 2022 या इससे पहले अंतरिक्ष में जाएंगे. देश का बेटा हो या बेटी हाथ में तिरंगा लेकर अंतरिक्ष में जाएगा.

महागठबंधन पर निशाना

कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस लड़ाई का संकल्प लेकर हमारी सरकार चल रही है. उसने कट्टर दुश्मनों को भी दोस्त बना दिया है. ये भी देश के सवा करोड़ लोग बखूबी समझते हैं.

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान- 'विपक्ष का फ्लोर टेस्ट'

ये सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है. ये कांग्रेस का अपने तथाकथित साथियों का फ्लोर टेस्ट है. मैं तो हैरान हूं कि अभी तो चर्चा शुरू हुई थी, मतदान नहीं हुआ था. जीत-हार का फैसला नहीं हुआ था. लेकिन जिसे यहां पहुंचने का उत्साह है, उठाने का उत्साह है. यहां पर कोई उठा-बैठा नहीं सकता. सवा करोड़ देशवासी ही कर सकते हैं.

नामदार Vs कामदार

नामदार और नामदार के चेले-चपाटे पूछ रहे हैं कि मोदी की जात क्या है. 60 साल तक नामदार की चार पीढ़ी से सवाल पूछने की किसी ने हिम्मत नहीं की. ये हिम्मत मेरे में है. 4 पीढ़ी आपको जवाब देना पड़ेगा.

और जब उनके फैक्ट्स हो गए गलत

1948 में जनरल थिमैया के नेतृत्व में पाकिस्तान से युद्ध जीता लेकिन उस पराक्रम के बाद कश्मीर को बचाने वाले जनरल थिमैया का तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन ने बार-बार अपमान किया जिसके बाद उन्हें अपने पद से सम्मान की खातिर इस्तीफा देना पड़ा था.

अब साल 2019 में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. कई रैलियां होंगी, रोड शो होंगे जिसमें पीएम मोदी के कई भाषण देखने और सुनने को मिलेंगे. लेकिन सवाल बस इतना है कि क्या इन चुनाव में पीएम के भाषण बीजेपी की नैया पार लगा सकेंगे.

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Published: 30 Dec 2018,04:35 PM IST

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