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नोटबंदी के बाद मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया. पीएम मोदी ने इसे देश और अर्थव्यवस्था को मजबूती देनेे वाला बजट बताया. लेकिन इस पर उनकी सरकार के मंत्री क्या कहते हैं, आइए जानते हैं:
नितिन गडकरी
इमानदार लोगों को राहत मिली है. जो ट्रांजेक्शन तीन लाख से ऊपर के बैंक में होंगे, वो सब टैक्स के अंदर आएंगे. जो इमानदारी से टैक्स भरते हैं, उन्हें राहत मिली है. जो नए लोग आएंगे उन्हें भी बहुत कम टैक्स देना पड़ेगा. कालाधन, भ्रष्टाचार से देश को मुक्ति मिलेगी.
निर्मला सीतारमण
यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम का औपचारिक जिक्र पहली बार आर्थिक सर्वे में हुआ. उस पर काफी चर्चा अभी होनी है. पहले से दी जा रही बहुत सी सुविधाओं को वापिस लिए बगैर यूनिवर्सल बेसिक इनकम से कोई मकसद पूरा नहीं होगा. इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भी लागू नहीं कर सकते. इसलिए चर्चा के बाद इसे देखना पड़ेगा.
धर्मेंद्र प्रधान
इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्रामीण बाजार, कृषि, ग्रामीण अर्थनीति में रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. भारते के देहात खेत खलिहान में हलचल बढ़े ये प्रोत्साहन बढ़ाने वाला नहीं है क्या? गरीबों के पास ज्यादा पैसा जाए, कम खर्चे में घर बना पाएं, आत्मनिर्भरता बढ़ा पाएं, पढ़ाई कर पाएं. इससे बड़ा प्रोत्साहित करने वाला उदाहरण क्या होगा?
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