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क्विंट के रिपोर्टर्स की नजर से देखिए, कैसा रहा साल 2020

इस बार बहुत सी ऐसी सारी घटनाएं हुई हैं जिनके कारण साल 2020 को हमेशा याद रखा जाएगा.

ज़िजाह शेरवानी
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(फोटो: क्विंट हिंदी)
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: पुर्णेन्दु प्रीतम/मोहम्मद इरशाद आलम

इस बार बहुत सी ऐसी सारी घटनाएं हुई हैं जिनके कारण साल 2020 को हमेशा याद रखा जाएगा. भारत में साल की शुरुआत हुई थी CAA और NRC कानूनों के विरोध को लेकर, फिर फरवरी का महीना आया और दिल्ली दंगे हुए. उसके बाद मार्च में एक अदृश्य दुश्मन-कोरोनावायरस ने दस्तक दी और पूरी दुनिया जहां की तहां ठहर गई. फिर किसे पता था कि एक ऐसा भी समय आएगा जब हर एक पत्रकार वही स्टोरी कवर करेगा .

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इसी के साथ कोरोनावायरस, दुनिया की एक ऐसी खबर बन गया जिसे पत्रकार और पूरा न्यूज चैनल चौबीसों घंटे कवर करने लगे. क्योंकि आपको पता है खबरें कभी रूकती नहीं है. इसलिए हम क्विंट के रिपोर्टरों भी रुके नहीं और इस न्यू नॉर्मल के साथ आगे बढ़ते गए और आप तक महत्वपूर्ण और जरूरी खबरों को अपने इसे नए तरीके से आप के सामने लाते रहे.

हमारा लक्ष्य रहता है कि हम लोगों तक सही जानकारियां पहुंचाएं. इसी के चलते हम पत्रकारों को भी कुछ जरूरी बदलाव करने पड़े, ताकि हम आप तक सही खबरों का ये सिलसिला जारी रख सकें. कोरोना वायरस के चलते जो लॉकडाउन हुआ उसके कारण रिपोर्टर का जो बुनियादी ढंग होता है काम करने का वो बहुत मुश्किल हो गया. अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए हम रिपोर्टर्स ने अपनी चिंता ना करते हुए रिपोर्टिंग की, क्योंकि हमारा मानना है कि हम जनता के आंख और कान हैं और हमें उन तक खबरें पहुंचानी चाहिए क्योंकि यही हमारा कर्तव्य है .

इस अलग ढंग से काम करने के बावजूद, क्विंट ने आप को इस पूरे साल समय-समय पर ग्राउंड ब्रेकिंग स्टोरीज, कोरोना से जुड़ी आवश्यक जानकारियां , रियलिटी चेक , फैक्ट चेक और प्रवासी मजदूरों से जुड़ी हुई उनकी दिक्कतें आप सबके सामने रखी .हम क्विंट के रिपोर्टरों ने पश्चिम बंगाल के अम्फान और तमिलनाडु में निवार के तूफानी चक्रवात से लेकर पूरे देश में हुई सांप्रदायिक झड़प, तोड़फोड़ और गिरफ़्तारियों की खबरें आप तक सामने लाई.

लेकिन जिस तरह से महामारी के दौरान फेक न्यूज़ को फैलाया गया है, वो इस दौर में रिपोर्टिंग को और भी मुश्किल बना देती है. क्विंट ने हमेशा से निर्भय हो कर पत्रकारिता की है. सच्ची कहानियों पर काम करना, सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछना, कमज़ोर लोगों की आवाज बन कर उनका पक्ष सबके सामने रखना, यही हमारा लक्ष्य है .

अगर आप क्विंट को फॉलो करते हैं तो आपको पता होगा कि हम हर दिन कितनी स्टोरीज करते हैं. हम फेक न्यूज का पर्दाफाश करते हैं, सिटिज़न जर्नलिस्ट की रिपोर्ट पब्लिश करते हैं ताकि उनकी बात सब तक पहुंचाई जा सके.

आप जो खबरें हमारे पॉर्टल, सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर देखते हैं, उसके पीछे एक पूरी टीम होती है, जो हर दिन कड़ी मेहनत करती है. भले ही वो फील्ड पर जाकर रिपोर्टिंग करना हो या फिर स्टूडियो का लाइट्स-कैमरा-एक्शन, इन कामों में घंटों की मेहनत लगती है, ताकि आप तक सच पहुंच सके .

आप लोगों के प्यार और सपोर्ट से हमारी जर्नलिज्म को ताकत मिलती है, ताकि हम सत्ता में बैठे लोगों से बिना डरे सवाल कर सकें. एक महत्वपूर्ण रीडर होने के नाते आप हमें बता सकते हैं कि हम कौन सी स्पेशल स्टोरीज पर काम करें या ऐसी कौन सी खबरें हैं जिन्हें हम वेरीफाई करें. आप हम तक अपनी स्टोरीज My Report के जरिए भी पहुंचा सकते हैं.

आप लोगों का यही प्यार हमें इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म करने की ताकत देता है.

क्विंट को ऐसे ही सपोर्ट करते रहें . धन्यवाद

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 01 Jan 2021,10:02 AM IST

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