advertisement
“है राम के वजूद पे हिन्दोस्तान को नाज,
अहल-ए-नजर समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद”
श्रीराम के लिए ये शेर कई सालों पहले उर्दू के मशहूर शायर और पाकिस्तान के राष्ट्र-कवि अल्लामा इकबाल ने लिखा था. हां वही अल्लामा इकबाल जिन्होंने तराना-ए-हिंद सारे जहां से अच्छा भी लिखा था. चलिए ये तो बात हुई उर्दू शायर की लेकिन क्या कभी उर्दू जबान में रामलीला देखी है? या सुनी है?
जी हां, हरियाणा के फरीदाबाद में उर्दू जबान में रामलीला होती है. जहां राम से लेकर रावण तक सब उर्दू में अपने डायलॉग बोलते हैं.
उर्दू रामलीला के डायरेक्टर अनिल चावला बताते हैं कि उनके पूर्वज पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनवा इलाके के रहने वाले थे. जो बंटवारे के बाद भारत आ गए थे.
आप भी अगर डूबना चाहते हैं बेहतरीन डायलॉग्स में तो देखें पूरा वीडियो.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)