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नोटबंदी से भले ही लोग परेशान हों, लेकिन इसी बहाने सामने आया सबसे बड़ा सच! कालाधन आए या न आए, पर पिछले दिनों में देश ने ईमानदारों की पहचान करना सीख लिया है.
देशभर के ईमानदार लोगों का चेहरा सामने आया. हमारे पास है पूरी लिस्ट-
ईमानदारी की लिस्ट में सबसे टॉप पर हैं हमारे नेतागण.
तभी तो इन्हें मिलने वाले डोनेशन पर कोई टैक्स नहीं लगता. और तो और, 20 हजार से कम डोनेशन का तो हिसाब भी नहीं लिया जाता. ये तो सबको पता है कि पार्टियों को फंड 'गरीब' लोग देते हैं. अब 20 हजार तो 'गरीब' ही देते हैं ना...और 'गरीबों' का पैसा तो सफेद होता है.
इन छोटे-छोटे चंदों को इकठ्ठा कर बेचारे नेता अरबों खर्च करते हैं और आप सबसे ईमानदार को अब तक भ्रष्ट मान रहे थे! भला हो नोटबंदी का कि सच्चाई सामने आ गई.
लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं इनकम टैक्स ऑफिसर.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट में इन पर खामख्वाह झूठे सवाल उठे थे. उन्हें क्या पता कि अगर इनकम टैक्स वाले नहीं होते, तो हमें ब्लैक-व्हाइट का सर्टिफिकेट कौन देता???
ये बड़ी मेहनत से देशभर के करोड़ों अकाउंट चेक करके बताएंगे कि किसमें काला पैसा है, किसमें नहीं. अब सर्टिफिकेट देने वाले पर ईमानदारी-बेईमानी का सवाल कौन और क्यों उठाए?
ईमानदारों में तीसरा नंबर आता है बैंक कर्मचारियों का.
इनकी ईमानदारी के कायल तो खुद हमारे पीएम हैं.
चौथे नंबर के बारे में बात करने से पहले एक बात जान लीजिए.
हमारे देश में अगर कला और कलाकारों को पूजने की परंपरा रही है, तो इसके पीछे भी वजह रही होगी. अब नई जेनरेशन को भी मालूम हो गया कि हमारे अभिनेता सफेद रंग में रंगे हुए हैं. कौन कहता था कि दाऊद और उसके सगे-संबंधियों के पैसों से फिल्में बनती थीं.
फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा रेड पड़ने की खबरें फर्जी तो नहीं थीं???
लिस्ट को आगे तो बढ़ाना चाहती हूं, पर इनके नाम को किसी नंबर पर रखना या लिस्ट में रखना मुश्किल है.
ये हैं हमारी सेना के लोग...ये किसी भी कैटेगरी से परे हैं. इनपर सवाल-जवाब नहीं किया जा सकता!
और अब करते हैं बेईमानों की बात.
इस लिस्ट में फिलहाल एक ही नाम है...वो है 'हम'. हम जन-धन अकाउंट वाले. हमारी इतनी औकात कि बैंक में पच्च्च्चास हज्ज्ज्जार रुपये जमा कर सकें.
हमारे पास कहां से आया इतना पैसा? सवाल उठना लाजिमी है...और भ्रष्ट-बेईमान होने का सबूत भी!
तो खत्म हुई ये छोटी सी लिस्ट. हो सकता है मेरी बताई लिस्ट में और भी नाम जुड़ें, पर अभी तो 40 दिन ही हुए हैं...आगे पता नहीं कितने ईमानदारों के नाम इसमें और जुड़ें.
कैमरा पर्सन- शिव कुमार मौर्य
एडिटिंग- संदीप सुमन
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