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तेजी से बढ़ता हुआ समुद्री जलस्तर 2050 तक मुंबई के ज्यादातर इलाकों को डुबो सकता है. एक नए रिसर्च के मुताबिक ग्लोबल वॉर्मिंग के वजह से उठता समुद्री जलस्तर 2050 तक पहले की तुलना में तीन गुना ज्यादा लोगों को प्रभावित कर सकता है.
वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
'नेचर कम्यूनिकेशन' जर्नल में प्रकाशित क्लाइमेट सेंट्रल के पेपर में समुद्री जलस्तर के बढ़ते जाने के खतरों का जिक्र किया गया है. हालांकि इसमें भविष्य की पॉपुलेशन ग्रोथ और डूबने वाले तटीय इलाकों की जमीन का आकलन नहीं किया गया है.
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है पेपर के लेखकों ने सेटेलाइट रीडिंग के आधार पर समुद्री तल ऊपर उठने का ज्यादा सटीक आकलन किया है. बड़े इलाके में समुद्र तल ऊपर उठने के असर का आकलन सेटेलाइट रीडिंग के जरिये किया जाता है. इसमें कहा गया है कि समुद्री जलस्तर के ऊपर उठने को लेकर नतीजे काफी आशावादी थे. लेकिन हालिया अध्ययन ज्यादा गंभीर तस्वीर पेश कर रहा है. रिसर्च के मुताबिक लगभग 15 करोड़ लोग ऐसी जमीन पर रह रहे हैं जो 2050 तक ऊंची समुद्री लहरों में डूब सकते हैं.
नए रिसर्च में कहा गया है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर की चपेट में आने से मुंबई के कई इलाके पूरी तरह पानी में डूब जाएंगे. लिहाजा यह सलाह दी गई है कि भारत को अभी से लोगों को नई जगहों पर बसाने के बारे में सोचना चाहिए.
भारत की फाइनेंशियल कैपिटल की तरह चीन की फाइनेंशियल कैपिटल शंघाई को बढ़ते समुद्री जलस्तर से खतरा है. इस शहर के आसपास के भी शहर पानी में डूब सकते हैं. रिसर्च में कहा गया गया है कि शंघाई में इसी तरह से निवेश होता रहा और यह बढ़ता रहा तो लोगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा.
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