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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहीम
रोहित वेमुला की मौत को 4 साल बीत चुके हैं. एबीवीपी नेता के साथ झड़प के बाद उनके दोस्तों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई. उनके कुछ दोस्तों को 2015 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया गया था.
रोहित ने एक दिल दहलाने वाला सुसाइड नोट पीछे छोड़ा था. सुसाइड नोट में उन्होंने अपने साथ भेदभाव को लेकर बातें लिखीं थीं. जिसका उन्होंने पूरे जीवन और विशेष रूप से यूनिवर्सिटी में सामना किया था. रोहित ने 17 जनवरी 2016 को अपने कमरे में छत के पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
क्विंट ने रोहित के कुछ दोस्तों से बात की, जिन्होंने बताया कि उनके जीवन और सपने बदल गए हैं लेकिन न्याय के लिए संघर्ष जारी है. डॉ. सुन्कन्ना वेलुपुदा, विजय पेदुपुदी और सेशियाह चेमुदुगुनता ने रोहित की मौत के बाद की अपनी जिंदगी पर के बारे में हमें बताया.
सुन्कन्ना वेलुपुदा उन 5 छात्रों में से एक हैं जिन्हें रोहित वेमुला के साथ हैदराबाद यूनिवर्सिटी से निकाला गया था. वो अपने घर में पढ़ाई करने वाले पहले शख्स हैं. उनके माता-पिता कृषि मजदूर हैं.
रोहित के एक और दोस्त विजय पेदुपुदी बताते हैं, ‘रोहित की मौत के बाद जो कुछ भी हुआ, उससे हमारी जिंदगी दिशाहीन हो गई है. मैंने परचूर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन मैं चुनाव हार गया. हम राजनीति में आकर भी कुछ कर सकते हैं.
रोहित के बाकी दो दोस्त अब भी यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. सेशियाह का कहना है कि रोहित की यादों से वो अब भी परेशान हो जाते हैं.
रोहित अपने दोस्तों की यादों में जिंदा हैं. उनके दोस्त एक-दूसरे से हर महीने कोर्ट में मिलते हैं. केस में दलीलों का रखा जाना अभी भी शुरू नहीं हुआ है. रोहित के दोस्त कहते हैं कि कोर्ट को उसकी मौत के बारे में नहीं पता और हर महीने हाजिरी के लिए उसका नाम पुकारा जाता है.
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