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जल्लीकट्टू के आयोजन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद 13 जनवरी को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में इसका आयोजन किया गया. हालांकि आयोजन के दौरान कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया.
इस पर तमिलनाडु के पराईपत्ती गांव के एक निवासी का कहना है कि यह तमिलों की परंपरा है. उनके अनुसार, उन्होंने PETA के सभी शर्तों का पालन किया है और अगर कोई नियम का पालन नहीं किया गया, तो वह सजा के लिए तैयार है.
तमिलनाडु के निवासी का कहना है कि किसी को तमिलों की इस परंपरा को रोकने का अधिकार नहीं है.
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