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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ''शाहीन बाग की तरह पब्लिक प्लेस को अनिश्चतकाल के लिए कब्जे में नहीं लिया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि प्रशासन को धरना हटाने के लिए और जल्दी कार्रवाई करनी चाहिए थी. इस पर शाहीन बाग की महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
आपको बता दें कि शाहीनबाग की महिलाओं ने पिछली सर्दियों में लगातार 100 दिन सड़क पर CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
वहीं बिलकिस दादी कहती हैं कि हमने रोड बंद नहीं किया था. पुलिसवालों ने बैरियर लगाया था. स्कूल वाले बच्चों की गाड़ी भी निकलती थी और एंबुलेंस भी निकलती थी.
शाहीन का सवाल हैं कि घर में बैठकर कोई प्रोटेस्ट होता है? और जहां प्रदर्शन होते हैं वहां के ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया जाता है, मेट्रो बंद कर दी जाती है, फिर हमारे पास क्या ऑप्शन रह जाता है?
महिलाओं का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने हमारे बच्चों पर लाठियां चलाईं, गोलियां चलाईं और प्रशासन ने इसे दिल्ली चुनावों के मद्देनजर बढ़ावा दिया. उनका कहना है कि कोरोना की वजह से हम उठे नहीं तो हमारा धरना जारी रहता.
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