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श्रीनगर क्विंट ग्राउंड रिपोर्ट 2 - ‘हमसे सच क्यों छिपाया’

पूरा देश जानना चाहता है कि आखिर कश्मीर में इस वक्त हो क्या रहा है.

शादाब मोइज़ी
वीडियो
Updated:
 श्रीनगर से क्विंट ग्राउंड रिपोर्ट का पार्ट 2
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श्रीनगर से क्विंट ग्राउंड रिपोर्ट का पार्ट 2
फोटो: क्विंट हिंदी

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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा/वरुण शर्मा

पूरा देश जानना चाहता है कि आखिर कश्मीर में इस वक्त हो क्या रहा है. संपर्क के साधन बंद हैं. कश्मीर के जो लोग बाहर हैं, उन्हें अपने परिवार से संपर्क करने में भी दिक्कत हो रही है. ऐसे में क्विंट पहुंचा श्रीनगर ताकि वहां की जमीनी हकीकत का पता लगाया जा सके. इस स्पेशल सीरीज की दूसरी कड़ी में देखिए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर क्या है श्रीनगर में रह रहे आम कश्मीरियों की राय...देखिए श्रीनगर से क्विंट ग्राउंड रिपोर्ट का पार्ट 2.

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हमने श्रीनगर के जिन स्थानीय लोगों से बात की उनमें से ज्यादातर इस बात से नाराज दिखे क्योंकि राज्य से आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले उन्हें क्यों नहीं बताया गया, उनकी राय क्यों नहीं ली गई.

हमें इस बारे में कुछ बताया नहीं, राज्यपाल या पीएम ने भी हमें कुछ नहीं बताया. हमारी राय के बगैर, हमसे पूछे बिना, ये क्यों किया जा रहा है. हमें पहले ही बता देते तो हम भी तैयारी कर लेते. अब हमारे पास कुछ खाने-पीने के लिए नहीं. हमारे घरवाले परेशान हैं कि हम कहां हैं. हम दूसरे जिले में हैं.
सज्जाद अहमद, होटल मैनेजमेंट प्रोफेशनल

लोगों का ये भी कहना है कि चूंकि आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई, इसलिए अफवाहों का दौर चला. और उससे और दिक्कत हुई.

हम हर दिन 24 बार एक-एक अफवाह से मरते हैं. सरकार कह रही है कि अब कोई भी कश्मीर में जमीन खरीद सकता है लेकिन यहां कोई जमीन बेचने वाला नहीं. 
शमसुद्दीन, ढाबा मालिक

श्रीनगर के लोगों का ये भी कहना है कि सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले आम कश्मीरियों की राय लेनी चाहिए थी.

अगर सरकार कहती है कि हम कश्मीर के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो राज्य सरकार से क्यों नहीं बात की?
तारिक अहमद, होटल कर्मचारी

बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्य से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला किया है. संसद ने इस संकल्प को अपनी मंजूरी दे दी है और राष्ट्रपति ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी है. फैसला लागू के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में कर्फ्यू लगा है और मोबाइल, इंटरनेट सेवा बंद है. राज्य में बड़ी तादाद में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. जम्मू और श्रीनगर के तकरीबन 100 नेताओं को हिरासत में लिया गया है.

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Published: 08 Aug 2019,05:24 PM IST

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