advertisement
30 साल की सृष्टि बक्सी श्रीनगर से कन्याकुमारी तक करीब 3800 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रही हैं. इसके पीछे उनका मकसद देश की महिलाओं को महफूज बनाना है. सृष्टि बक्सी ने इस मुहिम की शुरुआत एक साल पहले की थी.
अगस्त 2016 में यूपी के बुलंदशहर में एक महिला और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप के बाद सृष्टि ने यह बदलाव लाने का फैसला किया.
सृष्टि महिलाओं की मदद करती हैं और उन्हें टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग देती हैं. इनका मानना है कि टेक्नोलॉजी जिंदगी बदल सकती है.
सृष्टि बक्सी ने इसके लिए एक साल कड़ी मेहनत की. उन्होंने कहा कि वे 15 किलोग्राम से 100 किलोग्राम तक वजन उठा सकती हैं. सृष्टि बताती हैं कि वे प्रतिदिन सुबह 4 बजे उठती हैं.
सृष्टि बक्सी ने कहा, ‘कई लोगों को आश्चर्य होता है जब मैं कहती हूं कि मेरी शादी हो चुकी है. परिवार से भी काफी मदद मिली. मुझे लगता है कि अगर कोई बदलाव चाहता है तो उसे मदद मिलती है.'
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)