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क्रिएटिव प्रोड्यूसर: कुनाल मैहरा
ये दुनिया और भारतीय समाचारों के लिए एक अभूतपूर्व साल है, जब हम महामारी, आर्थिक संकट, बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, सीमा संकट का एक साथ सामना कर रहे हैं. लेकिन लगता है कि हमारे न्यूज चैनल दूसरी दुनिया में ही हैं.
इसे टीआरपी की दौड़ कहे या कुछ या दर्शकों की मांग या राजनीतिक दबाव लेकिन जो हम टीवी पर देख रहे हैं वो बिल्कुल नहीं देखना चाहते हैं. हमें सिर्फ जानकारी चाहिए कि देश और दुनिया में क्या हो रहा है.
यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, विशेष रूप से इस बात के लिए कि हम इन दिनों समाचारों में क्या देख रहे हैं: महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं या उन्हें टारगेट कर रहे हैं. ये आज से नहीं सदियों से ही होता आया है. इसलिए इनसब को छोड़कर मुख्य मुद्दों पर आने की जरूरत है, जिससे हमारा और देश दोनों का ही भला होगा.
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