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पैरों में 6 उंगली और छोटा कद, लेकिन आंखों में है ओलंपिक का सपना

स्वपना बर्मन ने 2018 के एशियन गेम्स में हेप्टाथलॉन का गोल्ड अपने नाम किया था

श्रीदा अग्रवाल
वीडियो
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(फोटोः क्विंट)
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कैमराः शिव कुमार मौर्य

वीडियो एडिटरः संदीप सुमन

जकार्ता में 2018 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली स्वपना बर्मन ने भारतीयों का परिचय एक अलग खेल से कराया- हेप्टाथलॉन. एथलेटिक्स में कमजोर भारत के लिए ट्रैक-एंड-फील्ड में गोल्ड अपने आप में बड़ी उपलब्धि रहती है. फिर उसमें भी एक ऐसा इवेंट जिसके बारे में बहुत कम भारतीयों को पता है.

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स्वपना बर्मन इस खेल को सबसे मुश्किल खेलों में से एक बताती है. अगर इस खेल पर दौर किया जाए, तो उनकी बात सही भी लगती है.

हेप्टाथलॉन एथलेटिक्स में एक ऐसा इवेंट है, जिसमें 7 अलग-अलग खेल शामिल हैं- 100 मीटर बाधा दौड़ (हर्डल), ऊंची कूद, शॉटपुट, 200 मीटर, लंबी कूद, भाला फेंक और 88 मीटर.

एक एथलीट को इन सभी इवेंट्स में हिस्सा लेना होता है और इनमें किए प्रदर्शन से हासिल किए प्वाइंट्स के आधार पर ही विजेता तय होता है.

“इन सभी 7 इवेंट्स में बहुत मेहनत करनी पड़ती है. हर इवेंट की, हर टेकनीक की प्रैक्टिस करनी होती है. इसके बाद और कुछ सोचने का मौका नहीं मिलता.”
स्वपना बर्मन

स्वपना के दोनों पैरों में 6-6 उंगलियां है. इतना ही नहीं, उनका कद भी ऐसा नहीं है कि कोई कहे कि एथलीट है. इस कारण ही उन्हें लोगों ने कई बार कहा कि वो आगे चलकर सफल नहीं हो पाएगी. इसके बावजूद स्वपना ने हर तरह की तकलीफ और लोगों की धारणाओं से लड़ते हुए अपने लिए जगह बनाई. स्वपना कहती हैं कि वो खुद के लिए एकदम ‘परफेक्ट’ हैं.

“लोग कहते थे, ‘तुम्हारे 6 उंगलियां हैं, तुम अच्छा नहीं कर पाओगी आगे. तुम्हारा कद भी कम है. तुम इस इवेंट के लिए सही नहीं हो.’ लेकिन मुझे लगता है कि मैं खुद के लिए एकदम परफेक्ट हूं.”
स्वपना बर्मन

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से आने वाली 22 साल की स्वपना बर्मन ने अपनी शुरुआत ऊंची कूद से की थी. स्वपना बताती हैं कि कि स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) में जब वो पहुंची तो उनके कोच ने भी सवाल उठाया, लेकिन उनकी ही सलाह ने स्वपना का करियर बदल दिया.

“मैं 2012 में साई में आई थी तो ऊंची कूद के लिए आई थी. वहां सर ने कहा कि इतनी छोटी लड़की कैसे ऊंची कूद करेगी? मुझे भी ऐसा लगा. मुझे सर पर विश्वास था. उन्होंने 2013 में मेरा इवेंट बदल दिया और कहा कि तुम्हें हाई जंप-लॉन्ग जंप आता है. रनिंग तो सब करते हैं. तुम हेप्टाथलॉन ट्राई करो. मैंने कहा ये क्या होता है, तो उन्होंने समझाया. फिर मैंने कहा कि ठीक है यही करते हैं.”
स्वपना बर्मन

स्वपना पिछले कुछ वक्त से चोट से जूझ रही हैं और इस साल सिर्फ 2 ही इवेंट में हिस्सा ले सकीं. अप्रैल में हुई एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 5993 प्वाइंट्स के साथ सिल्वर जीता. हालांकि ये ओलंपिक क्वालिफिकेशन के लिए जरूरी 6420 प्वाइंट्स से कम है.

स्वपना मानती हैं कि अभी वो इस लक्ष्य से कुछ दूर हैं, लेकिन वो इसके लिए तैयारी कर रही हैं. वो कहती हैं, “अगर मेरा लक्ष्य ओलंपिक है, तो अभी मैं उसके लिए चोट से उबर रही हूं. मैं अभी उससे कुछ दूर हूं, लेकिन जो भी जरूरी होगा उसके लिए मैं कोशिश करूंगी.”

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Published: 01 Oct 2019,10:46 PM IST

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